नई दिल्ली, 16 अप्रैल – पूर्व कांग्रेस प्रमुख राहुल गांधी ने गुरुवार को कहा कि यह समय सरकार से लड़ने का नहीं है, बल्कि कोरोनोवायरस के खिलाफ लड़ाई में रचनात्मक सुझाव देने का है। प्रधानमंत्री के विचारों से असहमति रखने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, “मैं ‘तू तू मैं मैं’ (दोषपूर्ण खेल) में शामिल नहीं होना चाहता, क्योंकि देश वायरस के खिलाफ कड़ी लड़ाई लड़ रहा है और हम केवल तभी सफल होंगे, जब हर कोई एक साथ काम करेगा।”
राहुल गांधी ने कहा, “जीत की कोई घोषणा नहीं होनी चाहिए। यह एक लंबी लड़ाई है। मैं प्रधानमंत्री मोदी से बहुत सारे मुद्दों पर असहमत हूं, लेकिन हमें कोरोना से एकजुट होकर लड़ना होगा।”
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संचालित एक प्रेस वार्ता में राहुल ने कहा, “हम बहुत गंभीर स्थिति में हैं। मुझे लगता है कि अगर हम समस्या को हल करना चाहते हैं और इस वायरस को हराना चाहते हैं तो सभी राजनीतिक दलों और समूचे भारत के लोगों को मिलकर काम करना होगा।”
उन्होंने आगे कहा, “यह संभव है कि इससे हमारे लोकतंत्र की संरचना बदल जाए, लेकिन हमारी प्राथमिकता इस वायरस को हराना है और हम जानते हैं कि लोकतांत्रिक मानदंडों को कैसे वापस लाया जाए।”
उन्होंने सुझाव दिया कि प्रधानमंत्री को मुख्यमंत्रियों की बातें अधिक सुननी चाहिए।
राहुल ने कहा, “कोविड-19 से लड़ने की हमारी मुख्य ताकत राज्य और जिला स्तर पर है। वायनाड में सफलता जिला स्तर की मशीनरी के कारण मिली है। इसलिए मेरा सुझाव है कि कोविड के खिलाफ लड़ने का दृष्टिकोण ऊपर से नीचे नहीं, बल्कि नीचे से ऊपर होना चाहिए। प्रधानमंत्री को राज्यों को सशक्त बनाना चाहिए।”
उन्होंने कहा, “कांग्रेस रचनात्मक सुझाव देगी, हमें सुनना या न सुनना सरकार पर निर्भर है, लेकिन मैं क्रेडिट लेने की होड़ में नहीं पड़ना चाहता।”
राहुल ने कहा, “आइए, हम भूल जाते हैं कि परीक्षणों के मामले में अब तक क्या हुआ है। लेकिन अभी हम एक आपातकालीन स्थिति में हैं, इसलिए पूरे भारत को एक साथ मिलकर लड़ने की जरूरत है। हमें कमजोर तरीकों से नहीं, बल्कि रणनीति के साथ काम करना होगा।”
उन्होंने कहा, “यह लॉकडाउन का समय है। यह समय हमें अपनी क्षमता चिकित्सा संसाधनों में लगाने, परीक्षण क्षमताओं को बढ़ाने, अस्पतालों को तैयार करने और ज्यादा से ज्यादा वेंटिलेटर प्राप्त करने के लिए कहता है।”
राहुल ने कहा, “एक गलत धारणा है जो मैं स्पष्ट करना चाहता हूं। लॉकडउन किसी भी तरह से वायरस को नहीं हराता है, यह वायरस को कुछ समय के लिए रोक देता है।”
राहुल गांधी ने कहा कि सरकार को इससे बाहर निकलने की रणनीति और आर्थिक बोझ के बारे में सोचना चाहिए जो अगले महीनों में आने वाला है। उन्होंने कहा, “निर्णय लें कि लॉकडाउन के बाद आपकी इससे निकलने की रणनीति क्या होगी।”