Saturday , 6 July 2024

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प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का संवाददाता सम्मेलन

pm-manmohanनई दिल्ली । प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का संवाददाता सम्मेलन में संबोधन। मित्रों, सबसे पहले मैं आप सभी को नववर्ष की शुभकामनाएं देता हूं।
सर्वप्रथम मैं यह कहना चाहता हूं कि हमें यकीन है कि हमारा बेहतर समय आने वाला है। वैश्विक आर्थिक वृद्धि का चक्र बेहतरी की ओर घूम रहा है। अपनी घरेलू कठिनाइयों को दूर करने के लिए हमने जो अनेक कदम उठाए थे, वे अब फलीभूत हो रहे हैं। भारत की वृद्धि दर फिर से रफ्तार पकड़ने वाली है।

बीते वर्ष की सबसे महत्वपूर्ण उपलब्धि यह रही कि हमने अपने लोकतंत्र की ताकत का प्रदर्शन किया। हाल में संपन्न विधानसभा चुनावों में हमारी जनता ने रिकॉर्ड संख्या में मतदान कर लोकतांत्रिक संस्थाओं के प्रति विश्वास व्‍यक्‍त किया। इन चुनावों में मेरी पार्टी का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा, लेकिन इनमें जिस बड़े पैमाने पर जनता की भागीदारी हुई, उसका हम स्वागत करते हैं और हम मंथन करेंगे कि यह नतीजे भविष्य के बारे में क्या कहते हैं और हम इनसे  सबक सीखेंगे।

हमारा लोकतांत्रिक संविधान और हमारी लोकतांत्रिक संस्थाएं आधुनिक भारत की बुनियाद हैं। हम सभी को , जो बेहतर भारत का निर्माण करना चाहते हैं, गरीबी और भ्रष्टाचार से छुटकारा पाना चाहते हैं, इन संस्थानों का अवश्य सम्मान करना होगा और उनके अनुरूप कार्य करना होगा। वे हमारे हाथों में वैध माध्यम हैं, जिनकी अपनी सीमाएं हैं। कोई भी एक व्यक्ति अथवा प्राधिकरण, लोकतांत्रिक शासन की प्रक्रियाओं का स्‍थान नहीं ले सकता।

मित्रों,पिछले एक दशक में हम कई उतार-चढ़ावों के गवाह बने हैं। प्रधानमंत्री के रूप में मेरे पहले कार्यकाल के दौरान, भारत ने पहली बार रिकॉर्ड 9.0 प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि दर हासिल की। इस अभूतपूर्व प्रदर्शन के बाद वैश्विक वित्तीय संकट के कारण आर्थिक मंदी का दौर शुरू हो गया। पिछले कुछ वर्षों से सभी उभरती अर्थव्यवस्थाओं को आर्थिक मंदी का सामना करना पड़ा है। भारत भी इससे अछूता नहीं है।

अर्थव्यवस्थाओं में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं और हमें सिर्फ अल्‍पकालिक समय पर ही आवश्‍यकता से अधिक ज़ोर नहीं देना चाहिए। हमें यह स्वीकार करना चाहिए कि आर्थिक मंदी के वर्षों को जोड़ने के बाद भी, पिछले 9 वर्षों में हमने वृद्धि की जो दर हासिल की है वह किसी भी 9 वर्षों की अवधि में सर्वाधिक है। और केवल तेज वृद्धि दर मुझे संतोष नहीं देती। उतनी ही महत्वपूर्ण बात यह है कि हमने वृद्धि की प्रक्रिया को पहली बार सामाजिक रूप से ज्यादा समावेशी बनाया है।

वर्ष 2004 में मैंने वायदा किया था कि मेरी सरकार “ग्रामीण भारत के लिए नया दौर” साबित होगी। मुझे यकीन है कि हमने उस वायदे को बहुत अच्छे से निभाया है। हमने किसानों के लिए समर्थन मूल्य बढ़ाने, किसानों के ऋण का दायरा बढ़ाने तथा बागवानी, ग्रामीण विकास और ग्रामीण बुनियादी ढांचे, विशेषकर सड़कों और बिजली में निवेश बढ़ाने सहित किसानों के अनुकूल नीतियों का अनुकरण किया है। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना ने खेतिहर मजदूर में भरोसा जगाया है और उनकी मोल-भाव करने की ताकत बढ़ाई है। बेहतर स्वास्थ्य और शिक्षा सेवाएं देश के ग्रामीण इलाकों में रहने वाले हमारे भाई-बहनों में नई आशा का संचार कर रही हैं।

इन प्रयासों की बदौलत कृषि क्षेत्र का सकल घरेलू उत्पाद(जीडीपी) पहले से कहीं ज्यादा तेज रफ्तार से बढ़ना सुनिश्चित हुआ है। भारत अनाज, चीनी, फल और सब्जियों, दूध और पोल्ट्री उत्पादों के दुनिया के सबसे बड़े उत्पादकों में शुमार हो गया है। ग्रामीण मजदूरी पहले से कहीं ज्यादा तेजी से वास्तविक मायनों में बढ़ी है। गांवों में प्रति व्यक्ति वास्तविक उपभोग 4 गुना ज्यादा तेजी से बढ़ा है। इन गतिविधियों के कारण 2004 से 2011 की अवधि में गरीबी की रेखा से नीचे रहने वाली आबादी का प्रतिशत काफी तेजी से कम हुआ है। इससे पहले किसी भी दशक में इस प्रतिशत में ऐसी गिरावट नहीं देखी गई। इसके परिणामस्वरूप गरीबी की रेखा से नीचे रहने वाले लोगों की संख्या कम घटकर 13.8 करोड़ रह गई है।

मित्रों,शिक्षा हमारी अर्थव्यवस्था की उत्पादक क्षमता बढ़ाने और अच्छी नौकरियों तक बेहतर पहुंच बनाने की हमारी रणनीति का प्रमुख घटक रहा है। मैं स्वयं उदार छात्रवृत्तियों और शिक्षा में सार्वजनिक निवेश का लाभार्थी रहा हूं। इसलिए मैं शिक्षा में निवेश के विशेष महत्व को बखूबी समझ सकता हूं।

मुझे यह बताते हुए बेहद गर्व हो रहा है कि हमने अपने देश के शैक्षिक परिदृश्य को बदल डाला है। सर्वशिक्षा अभियान, अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों, अन्य पिछड़ा वर्गों और अल्पसंख्यकों के लिए नई छात्रवृत्तियों के माध्यम से और बालिकाओं और युवतियों पर विशेष ध्यान देते हुए हमने शैक्षणिक अवसरों को व्यापक बनाया है। हमने नये विश्वविद्यालयों, नये विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थानों, नये औद्योगिक प्रशिक्षण केन्द्रों की स्थापना की है तथा कौशल निर्माण और शिक्षा में प्रत्येक उद्यम को सक्षम बनाया है।

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का संवाददाता सम्मेलन Reviewed by on . नई दिल्ली । प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का संवाददाता सम्मेलन में संबोधन। मित्रों, सबसे पहले मैं आप सभी को नववर्ष की शुभकामनाएं देता हूं। सर्वप्रथम मैं यह कहना चाहत नई दिल्ली । प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का संवाददाता सम्मेलन में संबोधन। मित्रों, सबसे पहले मैं आप सभी को नववर्ष की शुभकामनाएं देता हूं। सर्वप्रथम मैं यह कहना चाहत Rating:
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