नई दिल्ली, 3 मार्च (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को राज्यसभा में आरोप लगाया कि विपक्ष सरकार के साथ सहयोग नहीं कर रहा है। उन्होंने कहा कि राज्यसभा सदस्यों को अपनी पार्टी से ज्यादा अपने राज्य का प्रतिनिधित्व करना चाहिए।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा संसद के दोनों सदनों के संयुक्त सत्र को दिए गए अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए मोदी ने कहा, “यह राज्यों की परिषद है। कई सदस्यों का जब चुनाव हुआ था तब जनता की मनोदशा अलग थी और अब यह बदल चुकी है।”
उन्होंने कहा, “राजनीतिक परिस्थिति बदल चुकी है और इसीलिए जनादेश भी बदला है।”
उन्होंने कहा, “राज्यों की परिषद होने के नाते राज्य की भावनाएं और राज्य की निर्वाचित सरकार की भावनाओं का यहां पर प्रतिनिधित्व होना चाहिए। हमारे लिए पार्टी का प्रतिनिधि होने के साथ-साथ राज्य सरकार का प्रतिनिधित्व करना भी महत्वपूर्ण है।”
प्रधानमंत्री ने कहा, “इस सदन को जनादेश और उन उम्मीदों का सम्मान करना चाहिए जिनके साथ लोग किसी सरकार को चुनते हैं। आलोचनाओं के साथ-साथ हमारी यह संयुक्त जिम्मेदारी है कि हम राष्ट्र को आगे ले जाने की खातिर सहयोग करें।”
मोदी ने कहा, “इसके अलावा लोकतंत्र में धमकियां कभी काम नहीं करतीं। गुजरात में 14 साल तक मुझे प्रतिदिन कई ऐसे खत मिलते थे जिनमें मुझे जेल जाने की धमकी दी जाती थी। मैं इस खेल को जानता था।”
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री बनने से पहले मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री रह चुके हैं।