पटना, 1 सितंबर (आईएएनएस)। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 14वें वित्त आयोग की सिफारिश पर बिहार को दी जाने वाली राशि की चर्चा पर पलटवार करते हुए कहा कि यह राशि प्रधानमंत्री का एहसान नहीं है, बल्कि यह संघीय ढांचे का प्रावधान है।
पटना में एक संवाददाता सम्मेलन से मुखातिब नीतीश ने कहा कि चुनाव के दौरान मोदी के पक्ष में माहौल बनाने की साजिश की जा रही है। मोदी और राजग के लोग जनता को भ्रम में डालने की कोशिश कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा, “प्रधानमंत्री 87 प्रतिशत पुरानी योजनाओं की री-पैकेजिंग कर विशेष पैकेज बता रहे हैं। जिस दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना की चर्चा वे अपनी रैली में कर रहे थे, उसमें भी 40 प्रतिशत योगदान राज्य सरकार का है।”
प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, “केंद्र सरकार की ड्यूटी है, उनको हमारे हक का ये पैसा देना ही है। 1़ 06 लाख करोड़ का हिसाब पूछ रहे थे। ऐसी बात प्रधानमंत्री पूछेंगे तो क्या होगा? सेंसेक्स जो नीचे जा रहा है, मुझे लगता है इससे प्रधानमंत्री कुछ विचलित थे।”
मुख्यमंत्री ने आने वाले पांच वर्षो की योजनाओं की चर्चा करते हुए कहा कि यह योजना नहीं, बल्कि निश्चय है। अगर लोगों ने सेवा का फिर मौका दिया तो इन सभी योजनाओं को पूरा किया जाएगा।
इसके पूर्व, मोदी के बिहार पहुंचने पर मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर उन पर जोरदार हमला बोला।
नीतीश ने ट्वीट कर कहा, “मोदीजी, अपनी प्रशंसा करना बंद कीजिए और इस सच को स्वीकार कीजिए कि आप पुराने वादों को पूरा करने में विफल रहे हैं।”
उन्होंने कहा, “बिहार के लोग आपके अधूरे वादों और बयानों से आहत हुए हैं।”
नीतीश ने ट्वीट में लिखा, “मोदी साहस दिखाएं और बिहार को ‘बीमारू’ तथा ‘दुर्भाग्यशाली’ राज्य बताने के साथ ही ‘डीएनए’ के संदर्भ में दिए गए बयान को वापस लें।”
नीतीश ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग दोहराते हुए ट्वीट किया, “जनता को विशेष पैकेज के नाम पर फुसलाएं नहीं। इस पैकेज में 87 प्रतिशत राशि पूर्व योजनाओं की है।”
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री मंगलवार को भागलपुर के हवाईअड्डा मैदान में ‘परिवर्तन रैली’ को संबोधित किया, जिसमें उन्होंने कहा कि 14वें वित्त आयोग के अनुसार, आने वाले पांच वर्षो में केंद्र सरकार द्वारा बिहार को तीन लाख 74 हजार करोड़ रुपये मिलने वाले हैं। यह राशि बिहार को मिले विशेष पैकेज से अलग होगा। ऐसे में बिहार को पौने चार लाख करोड़ राज्य की तिजोरी में आने वाली है।