नई दिल्ली, 18 दिसम्बर (आईएएनएस)। युवकों को अधिक रोजगार पाने योग्य एवं स्वनिर्भर बनने के लिए उन्हें अधिकार संपन्न बनाने और भारत को विश्व की कौशल राजधानी बनाने के अपने विजन के अनुरूप प्रधानमंत्री सोमवार को उत्तर प्रदेश के कानपुर में देश के अब तक पहले ‘भारतीय कौशल संस्थान’ की आधारशिला रखेंगे।
इस संस्थान की संकल्पना नरेन्द्र मोदी द्वारा सिंगापुर के इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्निकल एजुकेशन की यात्रा के दौरान की गई थी। केंद्रीय कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय ने सिंगापुर के इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्निकल एजुकेशन की साझेदारी में देश में अपनी तरह के ऐसे पहले संस्थान की स्थापना करने का फैसला किया है। यह संस्थान प्रशिक्षण के सिंगापुर मॉडल से प्रेरित है और यह देश के विभिन्न सर्वश्रेष्ठ प्रचलनों को अंगीकार करेगा। मंत्रालय ने ऐसे 6 संस्थान खोलने का निर्णय किया है।
प्रधानमंत्री उत्तर प्रदेश के युवाओं के लिए कौशल प्रदर्शनी का भी उद्घाटन करेंगे। इस प्रदर्शनी में विभिन्न क्षेत्रों के अत्याधुनिक स्वरोजगार प्रशिक्षण प्रचलनों को प्रदर्शित किया जाएगा और यह प्रदर्शनी 19 से 22 दिसंबर के बीच कानपुर के रेल मैदानों में आम जनता के लिए खुली रहेगी।
मोदी प्रधानमंत्री कौशल केंद्रों (पीएमकेके) एवं चालकों के प्रशिक्षण संस्थानों समेत देश के युवाओं के लिए कई प्रकार की कौशल विकास पहलों को लांच करेंगे। समारोह के दौरान विभिन्न उद्योगों के बीच कार्यनीतिक साझेदारियों का भी आयोजन किया जाएगा, जो अगले तीन वर्षो के दौरान लगभग चार लाख युवाओं को प्रशिक्षित करेगी तथा उन्हें रोजगार देगी।
समारोह के दौरान राज्य में ‘राष्ट्रीय शिक्षु संवर्धन योजना’ की भी घोषणा की जाएगी, जिसके सफल कार्यान्वयन में राज्य सरकार की एक बड़ी भूमिका है। ऐसी केवल 23000 निजी कंपनियां हैं, जो देश भर में प्रशिक्षुता से जुड़ी हुई है।
प्रशिक्षुता प्रशिक्षण के तहत इसके मॉडल ने कई देशों की अर्थव्यवस्थाओं को लाभ पहुंचाया है। 2016-17 के लिए वित्तीय वर्ष लक्ष्य देश भर में कम से कम 5 लाख शिक्षुओं का नामांकन सुनिश्चित करने का है।
इस समारोह का आयोजन उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक, केंद्रीय कौशल विकास एवं उद्यमशीलता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) राजीव प्रताप रूडी, उत्तर प्रदेश के पंचायती राज मंत्री रामगोविन्द चौधरी एवं सांसद डॉ. मुरली मनोहर जोशी एवं भोले सिंह की उपस्थिति में किया जा रहा है।
राजीव प्रताप रूडी ने बताया कि ‘उत्तर प्रदेश के 65 जिलों में अभी तक 400 सक्रिय कौशल विकास केंद्र हैं, जिनका संचालन साझीदारों द्वारा किया जाता है। लगभग 3 लाख युवकों को पहले ही प्रशिक्षित किया जा चुका है और उनमें से 50 प्रतिशत युवकों को उनकी पसंद का रोजगार प्राप्त भी हो चुका है। चाहे कृषि क्षेत्र हो, परिधान क्षेत्र, ऑटो कम्पोनेंट क्षेत्र हो, बैंकिंग और वित्तीय सेवा, हॉस्पीलिटी या चमड़ा क्षेत्र हो, हमने देखा है कि युवक सभी क्षेत्रों में दिलचस्पी प्रदर्शित करते हैं और अपनी पसंद का कौशल सीखते हैं।’
रूडी ने कहा कि कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय (एमएसडीई) की योजना देश के प्रत्येक जिले में एक-एक प्रधानमंत्री कौशल केंद्र (पीएमकेके) खोलने की है, जिससे कि स्थानीय रूप से युवाओं के लिए विकास के अवसरों का सृजन किया जा सके। उन्होंने कहा कि मोदी जी द्वारा सोमवार को समारोह के दौरान 31 पीएमकेके लांच किए जाने की घोषणा की जाएगी। प्रधानमंत्री कौशल केंद्र आधुनिक अवसंरचना के साथ प्रतिष्ठित अत्याधुनिक कौशल विकास केंद्र हैं, जिससे कि देश में कौशल प्रशिक्षणों को बढ़ावा दिया जा सके।