नैरोबी, 11 मार्च (आईएएनएस)। संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण की कार्यवाहक कार्यकारी निदेशक जॉयस मसूया का कहना है कि यह देखना उत्साहजनक है कि प्रदूषण से निपटने के लिए विश्व के सभी कोनों, विशेषकर भारत जैसे विकासशील देश से नवाचार सामने आ रहे हैं।
नैरोबी, 11 मार्च (आईएएनएस)। संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण की कार्यवाहक कार्यकारी निदेशक जॉयस मसूया का कहना है कि यह देखना उत्साहजनक है कि प्रदूषण से निपटने के लिए विश्व के सभी कोनों, विशेषकर भारत जैसे विकासशील देश से नवाचार सामने आ रहे हैं।
नवाचार न केवल विद्युत वाहनों जैसे तकनीक में बल्कि कई प्रारूपों में हुआ है। सामाजिक नवाचार जरूरी है जैसे नागरिकों द्वारा प्रदूषण को साफ करने के लिए चलाए गए आंदोलन। उन्होंने अफरोज शाह का उदाहरण दिया, जो मुंबई में विश्व के सबसे बड़े समुद्री तट के सफाई अभियान से जुड़े हुए हैं।
यहां 11 से 15 मार्च तक चलने वाली चौथी संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण महासभा की शुरुआत में मसूया ने आईएएनएस के साथ एक साक्षात्कार में कहा, “नीति नवाचार भी बहुत जरूरी है और हम देख रहे हैं कि भारत इसे दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। भारत की 2022 तक एक बार प्रयोग में लाए जाने वाले प्लास्टिक पर प्रतिबंध की बड़ी घोषणा इस दिशा में एक कदम है।”
वार्षिक सभा में खाद्य अपशिष्टों को रोकने, अर्थव्यवस्थाओं से कार्बनीकरण को बढ़ावा नहीं देने, महासागरों में प्लास्टिक प्रदूषण के संकट से निपटने जैसी कई अन्य महत्वपूर्ण चुनौतियों से पार पाने के लिए बातचीत हो सकती है।
तंजानिया की माइक्रोबायोलॉजिस्ट और पर्यावरण वैज्ञानिक मसूया का मानना है कि सभी प्रदूषण के समाधान में योगदान दे सकते हैं।
उन्होंने कहा कि भारत के एक बार प्रयोग में लाए जाने वाले प्लास्टिक पर प्रतिबंध जैसे सरकार के नीतिगत दिशा-निर्देश व्यवसायों के लिए मानक स्थापित करने में मदद करते हैं और उन्हें स्थायी समाधान निकालने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।
इसी दौर में लोगों पर अपनी आदतों और नागरिक समाज अभियानों को बदलने का भारी दबाव है, ताकि वे व्यवसायों को गैर-प्रदूषणकारी उत्पाद प्रदान करने के लिए मजबूर कर सकें, जो कि वर्तमान समय में उपभोक्ताओं की मांग है।
एक बार प्रयोग में लाए जाने वाले प्लास्टिक को खत्म करने की भारत की प्रतिबद्धता की सराहना करते हुए संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण की कार्यवाहक कार्यकारी निदेशक ने कहा, “भारत की 2022 तक एक बार प्रयोग में लाए जाने वाले प्लास्टिक को खत्म करने की घोषणा सरकार द्वारा उठाया गया एक शानदार कदम है।”
भारत ने छह जून, 2018 यानी विश्व पर्यावरण दिवस पर वर्ष 2022 तक कैरी बैग, स्ट्रॉ और पानी की बोतलें जैसी सभी एक बार प्रयोग में लाई जा चुकी प्लास्टिक की वस्तुओं को नष्ट करने का संकल्प लिया है। वर्ष 2022 में देश की स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे हो जाएंगे।