नई दिल्ली, 10 जून (आईएएनएस)। केंद्र सरकार ने बुधवार को सर्वोच्च न्यायालय से कहा कि कॉलेजियम ने उन लोगों को न्यायाधीश बनाए जाने की अनुशंसा की है जिनके खिलाफ खुफिया ब्यूरो ने प्रतिकूल रपट पेश की है और न्यायाधीशों ने उनके खिलाफ आलोचनात्मक टिप्पणियां की है।
महान्यायवादी मुकुल रोहतगी ने बुधवार को न्यायालय के समक्ष 10 पृष्ठों में कुछ नाम खुफिया ब्यूरो, सरकार और सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की टिप्पणियों के साथ पेश किया और कहा कि जब कॉलेजियम ऐसे सुझाव देता है तो सरकार को यह मानना पड़ता है।
रोहतगी ने न्यायालय से कहा कि कभी-कभी हम पर किसी को चुनने का दबाव होता है जैसे कि कॉलेजियम ने खुफिया विभाग की प्रतिकूल रपट और सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की आलोचनात्मक टिप्पणियों के बावजूद नामों की अनुशंसा की है।
इससे पहले न्यायालय ने यह जानकारी मांगी थी कि प्रतिकूल रपट तथा सरकार के नामों को वापस भेजे जाने के बावजूद कॉलेजियम ने कितनी बार ऐसे नामों की अनुशंसा की है। इसके बाद सरकार ने न्यायालय को यह सूचना पेश की।