वेटिकन सिटी, 14 मार्च (आईएएनएस)। ईसाई धर्मगुरु पोप फ्रांसिस ने पोप के रूप में अपनी दूसरी वर्षगांठ मनाते हुए जुबली वर्ष को ‘दया का वर्ष’ घोषित किया है।
पोप ने कहा कि इस बार जुबली वर्ष उपदेशों में अक्सर शामिल रहने वाले विषय ‘दया’ पर आधारित होगा।
स्पेनिश समाचार एजेंसी एफे के मुताबिक, पूर्व कार्डिनल जॉर्ज मारियो बर्गोग्लियो ने शुक्रवार को सेंट पीटर्स बसीलिका में चालीसे (गुड फ्राइडे से पहले का 40 दिन का समय) की विशेष मातमी प्रार्थना सभा में अपने प्रवचन के दौरान यह खुलासा किया।
पोप फ्रांसिस ने जुबली वर्ष को दया का वर्ष घोषित किया है, जिसका जिक्र वह कई मौकों पर अक्सर करते रहे हैं और जिसे बिशप बनाए जाने के वक्त उन्होंने अपने आदर्श वाक्य ‘मिसेरैंडो एटक्वे एलिगेंडो’ (उन्होंने दया से उसे देखा और उसे चुन लिया) के रूप में चुना था।
उन्होंने अपने प्रवचन में कहा, “ईश्वर की दया से कोई भी अछूता नहीं है।”
अर्जेटीना के मूल नागरिक पोप फ्रांसिस ने कहा, “मैंने विचार किया कि चर्च किस तरह दया के काम के अपने मिशन को आगे बढ़ा सकता है।” उन्होंने कहा, “यह यात्रा आध्यात्मिक परिवर्तन से शुरू होती है।”
उन्होंने कहा, “इसलिए मैंने एक असाधारण जुबली वर्ष की घोषणा का निश्चिय किया, जिसका केंद्र ईश्वर की दया हो। यह दया का पावन वर्ष होगा।”
जुबली वर्ष का आरंभ आठ दिसंबर को निष्कलंक गर्भाधान की अवधारणा के पर्व से होगा और 20 नवंबर, 2016 को ख्रीस्त राजा पर्व के अवसर पर समाप्त होगा।