न्यूयॉर्क, 12 मार्च (आईएएनएस)। वेनेजुएला की निकोलस मादुरो सरकार को अलग-थलग करने के लिए पूरी ताकत के साथ कूटनीतिक और आर्थिक अभियान चला रहे अमेरिका ने भारत से कहा है कि वह कराकास के तेल का बहिष्कार करने को कहा है।
अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने भारतीय विदेश सचिव विजय गोखले से मुलाकात के दौरान इस पर चर्चा की।
पोम्पियो ने सोमवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “मुझे विश्वास है कि वे भी वेनेजुएला के लोगों के लिए वास्तविक खतरे को समझते हैं।”
उन्होंने कहा, “हम भारत से भी कह रहे हैं कि वह मादुरो शासन की आर्थिक जीवन रेखा न बने।”
उन्होंने हालांकि यह बताने से इनकार कर दिया कि गोखले की प्रतिक्रिया क्या थी।
उन्होंने एक प्रश्न के जवाब में कहा, “मैं निश्चित रूप से बातचीत की जानकारी नहीं दे सकता। यह निजी वार्तालाप है।”
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का प्रशासन और उसके सहयोगियों ने वेनेजुएला के विपक्ष के नेता और नेशनल एसेंबली के अध्यक्ष जुआन गुआइदो को देश के राष्ट्रपति के रूप में मान्यता दे दी है और उन्होंने मादुरो से पद छोड़ने को कहा है।
अपने संवाददाता सम्मेलन के दौरान पॉम्पियो ने क्यूबा, रूस और चीन की मादुरो सरकार को समर्थन देने के लिए आलोचना की।
उन्होंने कहा, “क्यूबा और रूस वेनेजुएला के लोगों के लोकतांत्रिक और उनके कल्याण के सपने को कमजोर कर रहे हैं।”
गौरतलब है कि भारत, वेनेजुएला के तेल का एक प्रमुख आयातक है, जिसके लिए वह नकद भुगतान करता है। 2017-18 में भारत ने वेनेजुएला से 1.15 करोड़ टन तेल का आयात किया था, जो इसका चौथा सबसे बड़ा स्रोत है।
इससे पहले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने भी पिछले माह ट्विटर पर भारत को चेताया था कि अगर वह वेनेजुएला से तेल खरीदता है तो उसे याद रखा जाएगा।