धर्मशाला, 8 जून (आईएएनएस)। हिमाचल प्रदेश के मैक्लोडगंज में आयोजित मिस तिब्बत प्रतिस्पर्धा 2015 की विजेता 24 वर्षीया पेमा चोडन को चुना गया। आयोजकों ने सोमवार को यह जानकारी दी।
प्रतियोगिता के निदेशक-निर्माता लोबसांग वांगयाल ने आईएएनएस को बताया, “पेमा चोडन को रविवार शाम मिस तिब्बत 2015 के खिताब से नवाजा गया। वह इस प्रतिस्पर्धा के 13वें संस्करण की विजेता बनीं।”
फर्राटेदार हिंदी और अंग्रजी बोलने वाली पेमा ने कहा, “इस वक्त मैं बहुत भावुक हूं। मैंने यह प्रतिस्पर्धा जीतने की कल्पना नहीं की थी। मुझे लगता है कि ज्यादा से ज्यादा तिब्बती युवतियों को आगे आकर इस प्रतिस्पर्धा में हिस्सा लेना चाहिए। हमारे समाज की महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में यह एक बहुमूल्य अवसर है।”
पेमा ने कहा कि वह तिब्बती समुदाय के हित में काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
प्रतिस्पर्धा में 21 साल की लोबसांग क्यिजोम को पहली उपविजेता और 23 वर्षीया सेरिंग डोल्मा को दूसरी उपविजेता चुना गया।
क्यिजोम और दोल्मा दोनों नेपाल से हैं, जिन्होंने अप्रैल महीने में नेपाल में आए विनाशकारी भूकंप के बाद नेपालियों के पलायन की व्यथा को दर्शाने के लिए इस प्रतियोगिता में हिस्सा लिया। क्यिजोम को पुरस्कार स्वरूप 50,000 रुपये और दोल्मा को 25,000 रुपये की राशि दी गई।
प्रतियोगिता कुल पांच चरणों में संपन्न हुई, जिसमें बोलने की कला, प्रतिभा, गाउन प्रदर्शन, पारंपरिक परिधान और साक्षात्कार शामिल थे।
चोडन उत्तराखंड के देहरादून की रहने वाली हैं और उन्होंने नई दिल्ली स्थित जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय से अंग्रेजी साहित्य में स्नात्तकोत्तर किया है।
मिस तिब्बत 2014 तेनजिंग यांगजोम ने पेमा की ताजपोशी की।
उधर, कुछ तिब्बतियों ने इस प्रतिस्पर्धा का यह कहकर विरोध भी किया कि यह तिब्बती संस्कृति के मूल्यों के खिलाफ है।
निर्वासित तिब्बती सरकार ने भी प्रतिस्पर्धा की निंदा की और कहा कि यह उनकी परंपरा और संस्कृति का हिस्सा नहीं है।