नई दिल्ली, 22 अप्रैल (आईएएनएस)। पेट्रोल के दाम में सोमवार को पांच से छह पैसे प्रति लीटर की वृद्धि दर्ज की गई, लेकिन डीजल के दाम में राहत मिली। हालांकि, आगे तेल के दाम बढ़ने के आसार दिख रहे हैं क्योंकि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के भाव में जरबदस्त उछाल आया है। अमेरिका द्वारा ईरान से कच्चे तेल के निर्यात पर पूरी प्रतिबंध लगाने की आशंकाओं के बीच कच्चे तेल के दाम में उछाल आया है
तेल विपणन कंपनियों ने दिल्ली, कोलकाता, और मुंबई में पेट्रोल के दाम में पांच पैसे प्रति लीटर जबकि चेन्नई में छह पैसे प्रति लीटर की वृद्धि की, जबकि देश के चार प्रमुख महानगरों में डीजल के दाम में सात पैसे प्रति लीटर की कटौती की गई।
हालांकि, तेल के दाम में आगे ज्यादा राहत मिलने की संभावना नहीं दिख रही क्योंकि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के भाव में लगातार तेजी का रुख बना हुआ है। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में सोमवार को ब्रेंट क्रूड का वायदा भाव 74 डॉलर के ऊपर चला गया और डब्ल्यूटीआई का भाव भी 65 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर चला गया है। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल में आई तेजी से भारतीय वायदा बाजार में भी कच्चे तेल के वायदा सौदों में तेजी का रुख बना हुआ था।
इंडियन ऑयल की वेबसाइट के अनुसार, दिल्ली, कोलकाता, मुंबई और चेन्नई में पेट्रोल के दाम क्रमश: 73 रुपये, 75.02 रुपये, 78.57 रुपये और 75.77 रुपये प्रति लीटर दर्ज किए गए। चारों महानगरों में डीजल के दाम क्रमश: 66.39 रुपये, 68.13 रुपये, 69.49 रुपये और 70.10 रुपये प्रति लीटर बने दर्ज किए गए।
भारतीय वायदा बाजार मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर मई एक्सपायरी कच्चा तेल वायदा अनुबंध में सोमवार को पूर्वाह्न् 10.53 बजे 133 रुपये यानी 2.98 फीसदी की तेजी के साथ 4590 रुपये प्रति बैरल पर कारोबार चल रहा था।
अंतर्राष्ट्रीय वायदा बाजार इंटरकांटिनेंटल एक्सचेंज यानी आईसीई पर जून डिलीवरी ब्रेंट क्रूड वायदा अनुबंध 2.40 फीसदी की तेजी के साथ 73.70 डॉलर प्रति बैरल पर बना हुआ था, जबकि कारोबार के दौरान सौदे का भाव 74.31 डॉलर प्रति बैरल तक उछला। न्यूयॉर्क मर्के टाइल इंडेक्स (नायमैक्स) पर भी डब्ल्यूटीआई का जून अनुबंध 2.33 फीसदी की तेजी के साथ 65.56 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था, जबकि भाव इससे पहले 65.79 डॉलर प्रति बैरल तक उछला।
ऊर्जा विशेषज्ञों के अनुसार, अमेरिका से इस बात का संकेत मिल रहा है कि वह जल्द ही ईरान से तेल खरीदने वाले देशों को तेल का आयात पूरी तरह बंद करने या उसके प्रतिबंध का कोप झेलने के लिए तैयार हो जाने को कहने वाला है।
ईरान से तेल बंद होने से आपूर्ति पर असर पड़ेगा जिससे कीमतों को सपोर्ट मिलेगा।