नई दिल्ली, 19 अगस्त (आईएएनएस)। ‘वन रैंक वन पेंशन’ की मांग को लेकर अनशन पर बैठे पूर्व सैन्यकर्मियों ने अपना अनशन खत्म करने से मना कर दिया है। पूर्व सैन्यकर्मी अपना आंदोलन तेज कर सकते हैं। साथ ही वे प्रधानमंत्री के साथ अपनी मुलाकात की बाट भी जोह रहे हैं।
पूर्व सैन्यकर्मियों के प्रवक्ता अवकाश प्राप्त मेजर जनरल सतबीर सिंह ने कहा, “हमने रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर से अपील की है कि वह हमारी मुलाकात प्रधानमंत्री से करा दें। “
इससे पहले लगा था कि पूर्व सैन्यकर्मी 26 अगस्त तक के लिए अपना आंदोलन रोक देंगे। लेकिन, इंडियन युनाइटेड एक्स सर्विसमेन फ्रंट के प्रवक्ता अवकाश प्राप्त कर्नल अनिल कौल ने आईएएनएस को बताया कि प्रदर्शनकारी इसके लिए तैयार नहीं हुए। आसार यही हैं कि वे अपना आंदोलन और तेज करेंगे।
कौल ने कहा, “हम कोशिश कर रहे हैं कि प्रदर्शनकारी भारत-पाकिस्तान एनएसए वार्ता के दिन यानी 23 अगस्त तक रुक जाएं। हमें उम्मीद है कि इससे पहले हमें प्रधानमंत्री से मुलाकात का मौका मिल जाएगा। लेकिन पूर्व सैनिक इंतजार के मूड में नहीं दिख रहे हैं।”
रक्षा मंत्री पर्रिकर ने भी अवकाश प्राप्त सैनिकों से 24 तक इंतजार करने की अपील की है। उन्होंने कहा है कि वह 23 अगस्त को प्रधानमंत्री से मिलने वाले हैं।
बुधवार सेवानिवृत्त कर्नल पुष्पिंदर सिंह, हवलदार मेजर सिह के आमरण अनशन का तीसरा और हवलदार अशोक चौहान के आमरण अनशन का दूसरा दिन था।
फ्रंट के एक बयान में कहा गया कि तीनों पूर्व सैनिकों से आमरण अनशन तोड़ने की अपील की गई लेकिन वे नहीं राजी हुए। उनसे आग्रह किया गया कि 26 अगस्त तक के लिए अनशन तोड़ दें। अगर तब तक सरकार से सकारात्मक संकेत नहीं मिले तो फिर उन्हें आमरण अनशन शुरू करने से नहीं रोका जाएगा। लेकिन तीनों पूर्व सैनिक अपने अनशन पर दृढ़ हैं।
पूर्व सैनिकों की प्रधानमंत्री कार्यालय के मुख्य सचिव नृपेंद्र मिश्रा से मंगलवार को मुलाकात हुई। पूर्व सैनिकों ने मिश्रा से कहा कि कम से कम भाजपा के दो वायदे को ही पूरा करा दें। एक तो शहीद स्मारक का निर्माण और दूसरा पूर्व सैनिकों के लिए पूर्व सैनिक की ही अध्यक्षता वाला आयोग। मिश्रा ने इस पर तुरंत रक्षा मंत्रालय के सचिव से बात की। इस पूरी बातचीत का कोई नतीजा नहीं निकला।