तिरुवनंतपुरम, 12 अक्टूबर (आईएएनएस)। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के वयोवृद्ध नेता वी.एस.अच्युतानंदन ने शिवगिरि मठ के मठाधीश, स्वामी स्वास्वेतिकानंद की मौत के मामले की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने की सोमवार को मांग की।
अच्युतानंदन ने यह मांग तब की है, जब यह दावा किया गया है कि 2002 में स्वामी की हत्या की गई थी।
बीजू रमेश नामक एक व्यापारी ने दावा किया है कि स्वामी स्वास्वेतिकानंद की मौत कोच्चि के अलुवा में नदी में डूबने से नहीं हुई थी, बल्कि उनकी हत्या की गई थी।
केरल के पूर्व मुख्यमंत्री अच्युतानंदन ने कहा, “नई बातें सामने आई हैं। इसलिए मैं मांग करता हूं कि सीबीआई मामले को अपने हाथ में ले।”
सिवागिरी मठ के पूर्व मठाधीश स्वामी की जब मौत हुई थी, उस समय उनका हिंदू एझवा के एक नेता वी.नटेसन से गंभीर मतभेद चल रहा था। नटेसन श्री नारायण धर्म परिपालन (एसएनडीपी) संगम के महासचिव हैं। हाल ही में इनकी भाजपा से नजदीकी बढ़ी है।
बीजू रमेश का कहना है कि नटेसन के इशारे पर स्वामी की हत्या की गई थी। नटेसन ने इस आरोप को गलत बताया है।
रमेश के बयान के बाद स्वामी की बहन ने भी उनकी मौत पर सवाल उठाए हैं। बहन का कहना है कि स्वामी बहुत अच्छे तैराक थे। वह डूब नहीं सकते थे। हो सकता है कि उनकी हत्या की गई हो।
शिवगिरि मठ के मौजूदा मठाधीश स्वामी प्रकाशानंद ने कहा कि उन्हें हमेशा यह सोचकर ताज्जुब होता था कि स्वामी कैसे डूब सकते हैं।
93 साल के प्रकाशानंद ने कहा, “मौत के स्थान और उनके माथे पर चोट के निशान देखने के बाद मुझे लगा कि यह डूबने से मौत का मामला नहीं है। ऐसा लग रहा है कि सभी नए सिरे से जांच चाहते हैं। अगर सरकार भी यही चाहती है तो उसे इस बारे में घोषणा करनी चाहिए।”
इस बीच, आधिकारिक सूत्रों ने बताया है कि केरल पुलिस मामले की फिर से जांच करने की संभावनाओं पर विचार करने के लिए इसका शुरुआती अध्ययन कर रही है।
भाजपा की केरल इकाई के अध्यक्ष वी.मुरलीधरन ने सोमवार को कहा कि स्वामी की मौत के मामले में ताजा आरोप केरल माकपा के सचिव के.बालाकृष्णन और रमेश के बीच रची गई एक साजिश का नतीजा है।