पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा है कि अगर उनकी बात भारतीय प्रधानमंत्री से होती तो वे मुस्लिम अल्पसंख्यकों की हिफ़ाज़त का ज़िक्र करते.
कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने सीएनएन के इंटरव्यू का एक हिस्सा सोशल मीडिया पर डालते हुए कहा है कि ये मोदी जी के ‘दोस्त’ बराक की संदेश है.
श्रीनेत ने लिखा कि मोदी के समर्थक इसे भी एक अंतरराष्ट्रीय साज़िश बता सकते हैं.
उधर अमेरिकी टेलिविज़न नेटवर्क सीएनएन को दिए एक इंटरव्यू में बराक ओबामा ने दुनिया में कमज़ोर होते लोकतांत्रिक संस्थानों का भी ज़िक्र किया.
विख्यात अमेरिकी जर्नलिस्ट क्रिस्चियन अमनपोर ने ओबामा से सवाल किया, “राष्ट्रपति बाइडन ने डिफेन्सिव डेमोक्रेसी को अपने प्रशासन का केंद्र बनाया हुआ है. और ये वो वक्त है जब दुनिया में लोकतंत्र ख़तरे में है, इसे तानाशाहों और तानाशाही से चुनौती मिल रही है, अनुदार लोकतंत्रों से भी इसे चुनौती मिल रही है. बाइडन चीनी राष्ट्रपति को तानाशाह कहते हैं.”
इसके बाद पीएम मोदी की अमेरिका यात्रा की ओर इशारा करते हुए अमनपोर ने पूछा “बाइडन इस वक्त अमेरिका में मोदी का स्वागत कर रहे हैं जिन्हें ऑटोक्रेटिक या फिर अनुदार डेमोक्रेट माना जाता है. किसी राष्ट्रपति को ऐसे नेताओं के साथ किस तरह से पेश आना चाहिए? ”
भारत और मोदी पर पूछे गए सवाल पर जवाब देते हुए पूर्व राष्ट्रपति ओबामा ने कहा, “हिंदू बहुसंख्यक भारत में मुस्लिम अल्पसंख्यकों की सुरक्षा काबिले-ज़िक्र है. अगर मेरी मोदी से बात होती तो मेरा तर्क होता कि अगर आप (नस्लीय) अल्पसंख्यकों के अधिकारों की सुरक्षा नहीं करते हैं तो मुमकिन है कि भविष्य में भारत में विभाजन बढ़े. ये भारत के हितों के विपरीत होगा”