उत्तर प्रदेश पुलिस पर एक महिला ने सामूहिक बलात्कार का आरोप लगाया. पीड़ित महिला अपने पति की रिहाई की गुहार लगाने पुलिस स्टेशन गई थी. उसका आरोप है कि चार पुलिसकर्मियों ने थाने में ही उससे बलात्कार किया.
महिलाओं के खिलाफ अपराध में उत्तर प्रदेश बदनाम होता जा रहा है. राज्य से आए दिन बलात्कार के मामले सामने आ रहे हैं. ताजा आरोप अब हमीरपुर जिले की पुलिस पर ही लगे हैं. पीड़ित महिला के मुताबिक, “रात में साढ़े ग्यारह बजे जब कमरे में कोई नहीं था तब सब इंस्पेक्टर मुझे अपने कमरे में ले गया और पुलिस स्टेशन के भीतर मुझसे बलात्कार किया.”
महिला का पति पुलिस की हिरासत में था. महिला का आरोप है कि पुलिस ने पति की रिहाई के लिए पहले रिश्वत मांगी. रिश्वत देने से इनकार करने पर उससे बलात्कार किया गया.
पुलिस ने चार पुलिसकर्मियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. हमीरपुर के पुलिस अधिकारी वीरेंद्र कुमार शेखर ने आरोपियों को जल्द गिरफ्तार करने का दावा किया है. वहीं राज्य के बहराइच जिले में भी एक महिला का शव पेड़ से टंगा मिला. महिला के पति और बेटे ने पांच लोगों पर बलात्कार और हत्या का आरोप लगाया है.
बलात्कार पर बंद हो राजनीति: मोदी
कुछ ही दिन पहले यूपी के बदायूं जिले में 12 और 14 साल की बच्चियों की सामूहिक बलात्कार के बाद हत्या कर दी गई. पीड़ित परिवार ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उनकी शिकायत नहीं सुनी. घटना से पूरे देश में आक्रोश उपजा. 16 दिसंबर 2012 को दिल्ली में मेडिकल की छात्रा से हुए बर्बर सामूहिक बलात्कार के बाद से ही दुनिया भर में भारत की छवि बहुत खराब हुई है.
बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी महिलाओं की सुरक्षा पर गहरी चिंता जताई. संसद में मोदी ने कहा कि सभी राजनेताओं को महिलाओं की सुरक्षा के लिए साथ काम करना चाहिए. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, उनके सांसद पिता मुलायम सिंह यादव और बेहूदा बयान दे रहे बीजेपी के नेताओं को चेतावनी देते हुए मोदी ने संसद में कहा, “बलात्कार के मामलों का राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए, महिला की मर्यादा से किसी को नहीं खेलना चाहिए.” मोदी ने लोकसभा चुनावों में महिलाओं की सुरक्षा को मुद्दा बनाया था. अब देखना है कि उनकी सरकार विकराल होती जा रही इस समस्या से कैसे निपटती है.