श्रीनगर, 18 फरवरी (आईएएनएस) जम्मू एवं कश्मीर के पुलवामा जिले में सुरक्षाबलों और भारतीय जवानों के बीच हुई मुठभेड़ में भारतीय सेना के मेजर सहित चार जवान शहीद हो गए। इस दौरान जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) का दो आतंकवादी भी मारा गया, जिसमें से एक आतंकवादी ने सीआरपीएफ के काफिले पर हमले की साजिश रची थी। इसके अलावा मुठभेड़ में एक नागरिक की भी मौत हो गई।
पुलिस ने सोमवार को यह जानकारी दी।
पाकिस्तानी आतंकवादी की पहचान जेईएम कमांडर कामरान के रूप में हुई है, जो कथित रूप से 14 फरवरी को हुए हमले का मास्टरमाइंड था। हमले में 49 जवान शहीद हो गए थे।
पुलिस सूत्रों ने कहा कि दूसरे आतंकी की पहचान बिलाल अहमद नाइक उर्फ राशिद भाई के रूप में हुई है, जो कि एक कश्मीरी आतंकी है।
मुठभेड़ जिस जगह हुई वह कुछ दिनों पहले केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के काफिले पर हुए आत्मघाती हमले के स्थान से महज 10 किलोमीटर की दूरी पर ही है।
दो जेईएम आतंकवादियों को मौत के घाट उतारने के बाद क्षेत्र में तलाशी अभियान के दौरान आतंकवादियों की ओर से ताजा गोलीबारी में एक अन्य मेजर व दो जवान घायल हो गए। इन्हें श्रीनगर आर्मी के 92 बेस अस्पताल ले जाया गया है।
रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल राजेश कालिया ने कहा, “मारे गए जेईएम आतंकवादियों में एक शीर्ष कमांडर है जो पाकिस्तान का रहने वाला है। मारे गए नागरिक की पहचान मुश्ताक अहमद के रूप में हुई है।”
मुठभेड़ रविवार देर रात शुरू हुई जब सुरक्षा बलों, राष्ट्रीय राइफल्स (आरआर), राज्य पुलिस के विशेष अभियान समूह (एसओजी) और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) ने जैश-ए-मुहम्मद (जेईएम) के आतंकवादियों के यहां छिपे होने की खुफिया सूचना मिलने के बाद पिंगलेना गांव को घेर लिया।
कर्नल कालिया ने कहा, “घेराबंदी जैसे ही कड़ी हुई छिपे हुए आतंकवादियों ने गोलीबारी शुरू कर दी जिसके बाद मुठभेड़ शुरू हो गई।”
मुठभेड़ शुरू होने के बाद शुरुआती गोलीबारी में घायल चार जवान और एक नागरिक की अस्पताल में मौत हो गई।
जवानों की पहचान मेजर विभूति शंकर ढौंनडियाल, हवलदार सेवा राम और सिपाही हरि सिंह और अजय कुमार के रूप में हुई है।
मुठभेड़ स्थल से आतंकवादियों के शव को बरामद कर लिया गया है।
जैसे ही मुठभेड़ शुरू हुई, नागरिक अपने घरों से बाहर निकले और आतंकवादियों को सुरिक्षत भगाने के लिए सुरक्षाबलों पर पथराव शुरू कर दिया।
सुरक्षा बलों ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े।
एक अधिकारी ने कहा, “नागरिकों से मुठभेड़ स्थल के पास नहीं जाने की सलाह दी गई है, क्योंकि यह एक प्रतिबंधित क्षेत्र है और विस्फोटक सामग्रियों की उपस्थिति की वजह से यह खतरनाक हो सकता है।”
इससे पहले पिछले सप्ताह पुलवामा में जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग पर सीआरपीएफ काफिले पर हुए आत्मघाती हमले में 49 जवान शहीद हुए थे।