नई दिल्ली: गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने पुर्तगालियों पर राज्य में मंदिरों को नष्ट करने का आरोप लगाया है और राज्य से पुर्तगाली शासन के निशान मिटाने का आह्वान किया है.
सावंत ने यह भी दावा किया कि मराठों के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद पुर्तगालियों ने मंदिरों को नष्ट करने की कवायद को बंद कर दिया था.
राज्य में और अधिक मंदिरों को नष्ट करने से पुर्तगालियों को रोकने में मराठा शासक शिवाजी महाराज द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका की प्रशंसा करते हुए सावंत ने कहा, ‘संधि ने अनिवार्य किया कि पुर्तगाली मंदिरों को नष्ट नहीं करेंगे. इसके बाद मंदिरों का टूटना बंद हो गया.’
सावंत मंगलवार (6 जून) को बैतूल किले में छत्रपति शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक की 350वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे.
सावंत ने कहा, ‘60 वर्षों के बाद हमें पुर्तगालियों की निशानियों को मिटा देना चाहिए. हमें नए सिरे से शुरुआत करने की जरूरत है. हम भारत की आजादी के 75वें वर्ष का जश्न मना रहे हैं. गोवा कैसा होना चाहिए और जब भारत आजादी के 100 साल मना रहा होगा तो गोवा कैसा होगा, हमने अब इसके बारे में सोचना शुरू कर दिया है.’
सावंत ने कहा कि मराठा शासक गोवा आए और सप्तकोटेश्वर मंदिर का पुनर्निर्माण किया और मंदिरों को नष्ट करने के खिलाफ पुर्तगालियों को चेतावनी दी.
मुख्यमंत्री ने दावा किया, ‘हिंदू संस्कृति की रक्षा करने का प्रमुख श्रेय शिवाजी और उनके पुत्र संभाजी को जाता है. यह शिवाजी ही थे, जिन्होंने देश में स्वराज या स्वशासन का विचार सबसे पहले रखा था.’
सावंत ने कहा कि एक बार जब सरकार को सीमा शुल्क से जमीन का कब्जा मिल जाएगा, तो बैतूल किले का जीर्णोद्धार किया जाएगा और इसे राज्य स्मारक के रूप में अधिसूचित किया जाएगा.
पिछले साल पेश किए गए राज्य के बजट में गोवा सरकार ने राज्य में नष्ट किए गए मंदिरों के जीर्णोद्धार के लिए 20 करोड़ रुपये निर्धारित किए थे.