लखनऊ, 30 मई (आईएएनएस)। केंद्रीय होम्योपैथी परिषद के सदस्य डॉ. अुनरुद्ध वर्मा ने कहा कि भारत में प्रतिवर्ष 10 लाख लोग तंबाकू के सेवन से मौत के शिकार हो रहे हैं। पुर्तगालियों के जमाने में भारत में तंबाकू आई।
डॉ. अनुरुद्ध वर्मा गुरुवार को होम्योपैथी साइंस कांग्रेस सोसायटी और नशामुक्ति आंदोलन की ओर से आयोजित परिचर्चा में बोल रहे थे।
उन्होंने ने कहा कि इतिहास में पढ़ने में आया कि अकबर के दरबार में वर्नेल नामक पुर्तगाली आया, तो उसने अकबर को तंबाकू और बहुत सुंदर बड़ी-सी जड़ाऊ चिलम भेंट की, जिसे देखकर बादशाह खुश हुए थे। इस तरह भारत में धूम्रपान की शुरुआत हुई।
वर्मा ने कहा कि आज भारत में सबसे ज्यादा युवा तंबाकू का सेवन कर रहे हैं। शौक में लड़कियां भी तंबाकू व सिगरेट का सेवन कर रही हैं। जिस देश का युवा नशे में फंस गया, उस देश की उन्नति नहीं हो सकती।
डॉ. वर्मा ने कहा कि तंबाकू की रोकथाम में लड़कियां सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकती हैं।
नशामुक्ति आंदोलन के संयोजक बृजनंदन ने गोष्ठी में कहा कि उत्तर प्रदेश में पूर्ण रूप से तंबाकू व शराब पर प्रतिबंध लगे, तभी उत्तर प्रदेश स्वस्थ समृद्ध व स्वावलंबी प्रदेश बन सकता है। उन्होंने कहा कि युवा नशे के गर्त में जा रहा है। बृजनंदन ने सभी सामाजिक संगठनों से इस दिशा में काम करने की अपील की।
डॉ. रेनू महेंद्रा ने कहा कि महिलाओं के धूम्रपान करने से गर्भाशय पर दुष्प्रभाव पड़ता है।