भोपाल : पुनर्वास विभाग की उपयोगिता नहीं रहने और इस विभाग के सभी कार्य केन्द्र सरकार के अधिनियम तथा राजस्व आयुक्त कार्यालय के अंतर्गत आने के कारण इसे बंद किया जायेगा। आज यहाँ राजस्व एवं पुर्नवास विभाग की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी।
भारत सरकार के भूमि अर्जन, पुनर्वासन और पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम लागू होने और राजस्व आयुक्त कार्यालय स्थापित होने के कारण पुनर्वास विभाग की उपयोगिता नहीं रह गई है।
उल्लेखनीय है कि पुनर्वास विभाग की स्थापना पाकिस्तान और तिब्बत से आये विस्थापितों के पुनर्वास के लिये की गयी थी। पुनर्वास विभाग ने विकास परियोजनाओं के लिये अर्जित निजी भूमि के विस्थापितों के पुनर्वास की आदर्श पुनर्वास नीति 2002 बनायी थी। इसके बाद केन्द्र सरकार ने भी 2007 में पुनर्वास नीति बनायी। इस नीति के अनुक्रम में राज्य की पुनर्वास नीति को पुनरीक्षित करने का काम चलता रहा। केन्द्र सरकार का भूमि अर्जन अधिनियम 2013 आने से अब पुनर्वास पैकेज भी इसी अधिनियम के अंतर्गत दिया जायेगा। पुनर्वास पैकेज बनाने और लागू करने का काम कलेक्टर और पुनर्वास पुर्नव्यवस्थापन आयुक्त द्वारा किया जायेगा। इस प्रक्रिया में पुनर्वास विभाग के बने रहने का कोई औचित्य नहीं है। इसकी कोई उपयोगिता भी नहीं रह गयी है।
बैठक में निर्णय लिया गया कि राजस्व विभाग के अंतर्गत ही पुनर्वास शाखा काम करेगी। पुनर्वास विभाग के अंतर्गत पुनर्वास आयुक्त का विभागाध्यक्ष कार्यालय राजस्व आयुक्त कार्यालय में समाहित किया जायेगा।