नई दिल्ली, 27 सितंबर (आईएएनएस)। केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने रविवार को पर्यटन उद्योग को नजरअंदाज करने के लिए पिछली कांग्रेस नीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार की आलोचना की और इस क्षेत्र के लिए नीति बनाने की जरूरत बताई।
जेटली ने पर्यटन मंत्रालय के नए भवन का शिलान्यास करने के बाद कहा, “मुझे दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि पिछली सरकार ने पर्यटन उद्योग का विकास विकास करने के लिए नीति नहीं बनाई, उलटे ऐसे नीति बना दी, जिससे क्षेत्र कमजोर हो गया।”
उन्होंने कहा कि देश में विशाल संख्या में विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने की क्षमता है, लेकिन इसके साथ ही नीति इस तरह बनाने की जरूरत है, जिससे भविष्य में उद्योग का विकास हो।
उन्होंने कहा, “देश में अत्यधिक लंबा समुद्र तट, घने जंगल, धार्मिक स्थल और विविध संस्कृतियां हैं, जो पर्यटकों को आकृष्ट कर सकते हैं।”
उन्होंने साथ ही हवाईअड्डे तथा अन्य अवसंरचना निर्माण पर भी जोर दिया।
उन्होंने कहा, “और अधिक विदेशी पर्यटकों को समुचित सेवा देने के लिए विमान में सीटों की संख्या में 5-10 फीसदी वृद्धि होनी चाहिए।”
जेटली ने साथ ही कहा कि पर्यटन अवसंरचना बनाने के लिए राज्यों की भी मदद की जरूरत है।
उन्होंने कहा, “नया पर्यटन भवन पर्यटन के सभी पहलुओं पर काम करने के लिए और देश की पर्यटन क्षमता के विस्तार के लिए एक आधार का काम करेगा।”
केंद्रीय पर्यटन राज्यमंत्री महेश शर्मा ने इस अवसर पर कहा, “सरकार पर्यटन के महत्व को समझती है। लोगों में पर्यटन के जरिए दूसरी संस्कृतियों की समझ बढ़ाना और उनके प्रति सम्मान का विकास करना संभव है।”
उन्होंने कहा, “पर्यटन आर्थिक विकास का इंजन है। हमें 2020 तक विश्व पर्यटन में भारत की हिस्सेदारी वर्तमान 0.68 फीसदी से बढ़ाकर एक फीसदी करनी है, ताकि इस क्षेत्र का पूर्ण संभावित विकास हो। पर्यटन से महिलाओं का सशक्तीकरण होता है और युवाओं को रोजगार मिलता है।”
शर्मा ने कहा कि नए भवन का नाम पंडित दीन दयाल उपाध्याय के नाम पर रखना एक स्वप्नदर्शी और अंत्योदय की बात करने वाले नेता को सच्ची श्रद्धांजलि देना है।
पंडित दीन दयाल उपाध्याय पर्यटन भवन पर्यटन मंत्रालय की परियोजना है और इसमें बहुमंजिली कार पार्किं ग तथा कार्यालय परिसर हैं।
आधिकारिक बयान के मुताबिक, “इस चार मंजिले भवन में दो बेसमेंट भी हैं। बेसमेंट का उपयोग कार पार्किं ग में होगा। परियोजना पर 150 करोड़ रुपये खर्च होगा।”