लखनऊ, 1 जनवरी- सर्दी और कोहरे से न केवल इंसानों का जीना दूभर है, बल्कि इसका असर खेती किसानी पर भी पड़ रहा है। कड़ाके की ठंड जहां आलू की खेती को नुकसान पहुंचा रही है, वहीं दलहन और तिलहन पर भी खतरा मंडरा रहा है। किसान ठंड के कारण अरहर ककी फसल में फूलों के झड़ने के खतरे से घबरा रहे हैं। किसान यह सोच कर परेशान हैं कि फूल झड़े तो पूरी फसल बर्बाद हो जाएगी और पैदावार प्रभावित होगी। वहीं यह ठंड पान की खेती के लिए भी काफी नुकसानदायक साबित हो रही है।
देखा गया है कि लगातार कोहरे के चलते अरहर की फसल प्रभावित होती है, उसके फूल झड़ जाते हैं। यही कारण है कि बालियां नहीं लग पाती। वहीं कड़ाके की ठंड के साथ घना कोहरा पान की खेती के लिए भी नुकसानदेह साबित हो रहा है। पान की फसल पर इस मौसम का असर धूप निकलने के बाद दिख सकता है।
कृषि वैज्ञानिक मोहन विश्वकर्मा बताते हैं कि अरहर को कोहरे से बचाने के लिए किसानों को अरहर फसल की हल्की सिंचाई करने के साथ-साथ खेत के आस-पास धुआं करना चाहिए। इससे कोहरे का असर कम हो जाता है। उन्होंने कहा कि किसान फसल पर घुलनशील गंधक (सल्फर) का छिड़काव कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि दो से ढाई ग्राम दवा को एक लीटर पानी में मिलाकर बने घोल का छिड़काव किया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि ठंड में पान की फसल में एफिड कीड़े के प्रकोप को देखा जाता है, जिसमें पान की पत्तियां सिकुड़कर खराब हो जाती है। इससे निपटने के लिए किसानों को पान पर निमौली नामक जैविक पदार्थ का छिड़काव करना चाहिए, ताकि फसलों को कीड़े के प्रकोप से बचाया जा सके।