कोलकाता, 13 जुलाई (आईएएनएस)। वातानुकूलन संयंत्र से जल रिसाव के कारण यहां राष्ट्रीय पुस्तकालय के भाषा भवन में पानी भरने से देश भर से संगृहीत नई पुस्तकों के संग्रह और पत्रिकाओं को तुरंत हटाना पड़ा। यह देश की सबसे बड़ी पुस्तकालय है। एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी।
राष्ट्रीय पुस्तकालय कर्मचारी संघ ने केंद्रीय लोक निर्माण विभाग पर रखरखाव में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है।
कर्मचारी संघ के सचिव सैबाल चक्रवर्ती ने आईएएनएस से कहा, “जब गत सोमवार को सुबह 8.30 बजे पुस्तकालय खुला तो हमने टखने तक पानी भरा देखा। ऐसा बारिश के पाइप और वातानुकूलन संयंत्र में रिसाव के कारण हुआ था, लेकिन अधिकांश योगदान वातानुकूलन संयंत्र का था। रखरखाव की जिम्मेवारी केंद्रीय लोक निर्माण विभाग की है और हम उन्हें नियमित भुगतान करते हैं। यह भारतीय भाषा खंड में हुआ।”
उन्होंने कहा कि असमिया भाषा की नई पुस्तकों को सूचीबद्ध करने और प्रसंस्करण का काम चल रहा है।
चक्रवर्ती ने कहा, “प्रसंस्करण के क्रम में किताबें और पत्रिकाएं सतह पर रखी हुई थीं। नई किताबें और प्रत्येक पुस्तक हमारे लिए मूल्यवान हैं। मैं यह नहीं कह सकता हूं कि कितनी किताबें क्षतिग्रस्त हुईं हैं, लेकिन हम इन्हें सुखा कर इनकी पुरानी स्थिति में ला रहे हैं।”
राष्ट्रीय पुस्तकालय के निदेशक अरुण चक्रवर्ती ने कहा कि केंद्रीय लोक निर्माण विभाग को समस्या से अवगत करा दिया गया है।
यह पुस्तकालय कला एवं संस्कृति मंत्रालय के अधीन राष्ट्रीय महत्व का है। कलकत्ता पब्लिक लाइब्रेरी के नाम से इसकी स्थापना 1836 में हुई थी।