नई दिल्ली, 13 अगस्त (आईएएनएस)। पाकिस्तान सेंसर बोर्ड के प्रमुख ने भारतीय फिल्म ‘फैंटम’ का प्रदर्शन प्रतिबंधित किए जाने की मांग के मसले पर कहा कि किसी फिल्म के प्रदर्शन का फैसला कानून के आधार पर लिया जाता है। विवादों से इसका कोई लेना देना नहीं है।
नई दिल्ली, 13 अगस्त (आईएएनएस)। पाकिस्तान सेंसर बोर्ड के प्रमुख ने भारतीय फिल्म ‘फैंटम’ का प्रदर्शन प्रतिबंधित किए जाने की मांग के मसले पर कहा कि किसी फिल्म के प्रदर्शन का फैसला कानून के आधार पर लिया जाता है। विवादों से इसका कोई लेना देना नहीं है।
सीबीएफसी प्रमुख ने ये बातें मुंबई 26/11 हमले के मुख्य साजिशकर्ता हाफिज मुहम्मद सईद की ओर से दायर उस याचिका को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में कही, जिसमें सईद ने फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगाने की मांग की है।
पाकिस्तान के सेंसर बोर्ड ऑफ फिल्म सेंसर्स (सीबीएफसी) के अध्यक्ष फख्र-ए-आलम ने सोशल मीडिया के जरिये साक्षात्कार में कराची से आईएएनएस को बताया, “इसके लिए संसद द्वारा लागू किए गए स्पष्ट कानून और नियम हैं। हमें कानून का पालन करना है। यह सीधी सी बात है।”
उन्होंने कहा, “हमारा काम विवादों पर ध्यान देना और हर बात के लिए हर किसी को जवाब देना नहीं है। हम कानून का पालन करेंगे और कानून के आधार पर निर्णय लेंगे।”
‘फैंटम’ एक राजनीतिक रोमांच फिल्म है, जो हुसैन जैदी की किताब ‘मुंबई एवेंजर्स’ से प्रेरित है। यह किताब 26/11 मुंबई आतंकवादी हमले के बाद की स्थिति पर आधारित है।
सैफ अली खान एवं कैटरीना कैफ की मुख्य भूमिकाओं वाली फिल्म का निर्देशन कबीर खान ने किया है। पहले भी कबीर की फिल्म ‘काबुल एक्सप्रेस’ को लेकर पाकिस्तान में विरोध हुआ था और ‘एक था टाइगर’ पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।
हालांकि सलमान खान की मुख्य भूमिका वाली कबीर की हालिया प्रदर्शित ‘बजरंगी भाईजान’ को भारत और पाकिस्तान दोनों देशों में काफी सराहना मिली।
पाकिस्तान ने 1968 में भारतीय फिल्मों के प्रदर्शन पर देश में प्रतिबंध लगा दिया था। हालांकि बाद में यह प्रतिबंध हटा लिया गया, जिसके बाद सबसे पहले आमिर खान अभिनीत ‘तारे जमीं पर’ पाकिस्तानी सिनेमाघरों में रिलीज की गई थी।