इस्लामाबाद, 8 अप्रैल (आईएएनएस)। पाकिस्तान में हत्या के मामले में दोषी ठहराए गए दो लोगों को बुधवार को फांसी दे दी गई।
समाचार पत्र ‘डॉन’ की वेबसाइट की रिपोर्ट के अनुसार, साल 1995 में एक व्यक्ति की हत्या के लिए दोषी ठहराए गए अमीर हमजा को बलूचिस्तान के मछ जेल में फांसी दे दी गई। उसे साल 2004 में मौत की सजा सुनाई गई थी। राष्ट्रपति ममनून हुसैन ने 30 मार्च को उसकी दया याचिका खारिज कर दी थी।
बलूचिस्तान में सात वर्षो बाद फांसी की सजा पाने वाला हमजा कथित तौर पर पहला कैदी है।
वहीं, एक अन्य दोषी सिकंदर को पंजाब प्रांत के बहावलपुर केंद्रीय कारा में फांसी दी गई। रावलपिंडी में साल 2002 में अपने एक साथी की हत्या के लिए उसे मौत की सजा सुनाई गई थी।
उल्लेखनीय है कि 16 दिसंबर, 2014 को तालिबान ने पेशावर के एक आर्मी स्कूल पर हमला कर 150 लोगों को मार डाला था, जिनमें से अधिकांश बच्चे थे। इस दुर्दात घटना के बाद प्रधानमंत्री ने आतंकवाद से संबंधित मामलों में मौत की सजा पर लगी पाबंदी हटा ली थी। इसके बाद 10 मार्च को सभी प्रकार के मृत्युदंड से रोक हटा दी गई थी।