पेशावर, 16 दिसम्बर- पाकिस्तान के पेशावर शहर में एक सैनिक स्कूल में मंगलवार को आतंकवादियों ने हमला कर दिया, जिसमें 84 छात्रों सहित 104 लोगों की मौत हो गई। प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने हमले की निंदा करते हुए स्कूल परिसर में फंसे लोगों की सुरक्षित रिहाई के आदेश दिए।
तहरीक-ए-तालिबान (टीटीपी) ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है।
यह हमला ऐसे समय में हुआ है, जबकि देश में राजनीतिक उथल-पुथल का दौर जारी है और एक दिन पहले ही ऑस्ट्रेलिया के शहर सिडनी में एक बंदूकधारी ने कैफे में कई लोगों को बंधक बना लिया था।
एआरवाई न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, चार-पांच आतंकवादियों ने पहले एक वाहन को आग लगा दी और इसके बाद पाकिस्तान के खबर-पख्तूनख्वा प्रांत की राजधानी पेशावर में वार्सिक मार्ग पर स्थित आर्मी पब्लिक स्कूल की इमारत में घुस गए।
टेलीविजन फुटेज में स्कूली छात्रों को डरा हुआ और रोता हुआ दिखाया गया है। उनमें से कुछ के चेहरों पर खून थे। एक छात्र को स्ट्रेचर पर ले जाते हुए दिखाया गया, जबकि एक को सुरक्षाकर्मी उठाकर ले जाते देखे गए।
आतंकवादियों की चपेट में आने से बच निकले बच्चों ने घटना की भयावता का जिक्र किया। एक छात्र ने कहा, “चौथी घंटी थी। हम कक्षा में थे। उनके (आतंकवादियों के) हाथ में बंदूक थी। हमारे प्राधानाध्यापक ने हमारे शिक्षक को कहा कि छात्रों को परिसर से हटाना होगा। तभी अचानक हमने सेना के जवानों को आते देखा।”
घायल और खून से लथपथ लोगों को बाहर निकालते हुए देखा गया, जबकि चिंतित अभिभावक भी बाहर इंतजार करते दिखे।
स्कूल की इमारत में 500 से अधिक छात्र और शिक्षक फंसे हुए हैं। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि उन्होंने कुछ लोगों को कॉरीडोर में घायल देखा।
स्कूल के एक शिक्षक ने बताया कि स्कूल में 1,400 से 1,500 छात्र पढ़ते हैं। 500 से अधिक छात्र व शिक्षक अब भी स्कूल परिसर में फंसे हैं।
हमले के कुछ ही देर बाद एक आतंकवादी को खुद को स्कूल ऑडिटोरियम के बाहर उड़ाते हुए देखा गया।
अपुष्ट रपटों के मुताबिक, ऑडिटोरिम छात्रों से खचाखच भरा था, जहां छात्र परीक्षा दे रहे थे। छात्रों को शुरू में लगा कि यह एक और सैन्य अभ्यास है। उन्हें आतंक का अंदाजा उस वक्त हुआ, जब कुछ छात्रों को गोली मार दी गई।
स्कूल के शिक्षकों ने बच्चों को सुरक्षित बचाने की कोशिश की। उनमें से कुछ दोपहर में हमले के तुरंत बाद भाग निकलने में कामयाब रहे, जबकि कुछ अन्य को सुरक्षाकर्मियों ने बाहर निकाला।
तहरीक-ए-तालिबान ने हमले की जिम्मेदारी लेते हुए कहा कि यह उत्तरी वजीरिस्तान में उनके खिलाफ चलाए गए सेना के अभियान का प्रतिशोध है।
आतंकवादियों ने हमले के लिए जिस स्कूल को चुना, वहां सामान्य तौर पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम होते हैं और इसे सुरक्षित समझा जाता है।
इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएससपीआर) ने इसकी पुष्टि की है कि बच्चों तथा शिक्षकों को इमारत से बाहर निकाला जा रहा है।
कुछ छात्रों ने कहा कि आतंकवादियों ने ऑडिटोरियम पर हमला किया, जहां वे परीक्षाएं दे रहे थे।
लैब असिस्टेंट उदय ने संवाददाताओं से कहा, “मैं एक घंटे तक छुपा हुआ था। तब सेना पहुंची। वे (आतंकवादी) छह-सात की संख्या में थे। उनके हाथ में बड़ी बंदूकें थीं।”
प्रधानमंत्री नवाज शरीफ व खबर पख्तूनख्वा प्रांत के मुख्यमंत्री पेरेज खट्टाक ने इस हमले की निंदा की और स्कूल में फंसे छात्रों को सुरक्षित बाहर निकालने का आदेश दिया।
शरीफ ने आंतरिक मामलों के मंत्री चौधरी निसार अली खान से पेशावर में राहत कार्यो के लिए सुरक्षा बलों के साथ समन्वय करने और उन्हें हर संभव सहायता मुहैया कराने के लिए कहा। खबर-पख्तूनख्वा के राज्यपाल सरदार महताब अब्बासी को भी राहत अभियान में सुरक्षा बलों को हर संभव सहायता मुहैया कराने के लिए कहा है।
जमात-ए-इस्लामी के नेता सिराजुल हक ने घटना की निंदा करते हुए कहा कि पूरा देश मृतकों के परिजनों के साथ है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, “धर्म के नाम पर मासूम बच्चों पर हमला स्वीकार नहीं किया जाएगा।”
सभी घायलों को पेशावर के लेडी रीडिंग अस्पताल में भर्ती कराया गया है।