नई दिल्ली, 3 मार्च (आईएएनएस)। पाकिस्तान में मोबाइल की पहुंच के औसत से नीचे होने के बावजूद पाकिस्तान के दूर-दराज के इलाकों में सस्ते चीनी स्मार्टफोन की भरमार है।
बंधक बनाए गए भारतीय वायुसेना (आईएएफ) के पायलट अभिनंदन वर्धमान के शुरुआती वीडियो व तस्वीरें, जिसे दुनिया भर के विभिन्न सोशल मीडिया मंचों पर देखा गया और इन तस्वीरों से दोनों तरफ के राजनीतिक घटनाक्रम तेज हुए वह स्थानीय लोगों के सस्ते चीनी स्मार्टफोन की वजह से हुआ।
आज पाकिस्तान के स्मार्टफोन बाजार में चीन 62 फीसदी भाग पर काबिज है। यहां तक कि यह भारत (55 फीसदी) से ज्यादा है।
वैश्विक बाजार अनुसंधान कंपनी काउंटरप्वाइंट रिसर्च के अनुसार, पड़ोसी देश में समग्र मोबाइल परिदृश्य अभी भी निराशाजनक है और अधिकांश उपयोगकर्ताओं के पास कम इंटरनेट स्पीड पर बने रहने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।
काउंटरप्वाइंट रिसर्च के एसोसिएट डायरेक्टर तरुण पाठक ने आईएएनएस से कहा, “क्षेत्र के प्रतिद्वंद्वी देशों की तुलना में पाकिस्तान में मोबाइल इंटरनेट की पहुंच औसत से कम है। ज्यादातर उपयोगकर्ता अभी भी बेसिक वॉइस या धीमी मोबाइल इंटरनेट स्पीड पर निर्भर हैं।”
पाकिस्तान में 4जी नेटवर्क के संदर्भ में वर्तमान में जोंग (चाइना मोबाइल की मूल कंपनी) सबसे बड़ा नेटवर्क है। सरकारी पाकिस्तान दूरसंचार प्राधिकरण (पीटीए) के अलावा दूसरे दूरसंचार प्रदाताओं में टेलेनॉर, जैज व वारिड शामिल हैं।
तरुण पाठक ने कहा, “पाकिस्तान में 3जी/4जी ग्राहक अभी भी 30 फीसदी हैं, इस वजह से तेज इंटरनेट अभी भी ऐसी सेवा नहीं जिसका हर कोई इस्तेमाल कर सके।”
पाकिस्तान में दूरसंचार घनत्व 80 फीसदी से ज्यादा है, जबकि पाकिस्तान में दूरसंचार उद्योग की वृद्धि वॉयस आधारित श्रेणी में स्थिर है।
पाठक ने कहा, “डिवाइस इकोसिस्टम भी शुरुआती स्तर के स्मार्टफोन से नियंत्रित है। पाकिस्तान में बिकने वाले आधे स्मार्टफोन की कीमत 100 डॉलर (करीब 7,000 रुपये भारतीय रुपये) से नीचे है।”
अगर हम स्मार्टफोन बेचने वाली कंपनियों को देखें तो इसमें सैमसंग, हुआवेई, ओप्पो व क्यूमोबाइल (करांची स्थित कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक कंपनी) प्रमुख स्मार्टफोन कंपनियां हैं।
काउंटरप्वाइंट 2018 ट्रैकर के अनुसार, सैमसंग ने 2018 में 22 फीसदी हिस्सेदारी के साथ बाजार में अग्रणी रहा। इसके बाद हुआवेई 19 फीसदी पर रही, ओप्पो 17 फीसदी व क्यूमोबाइल 15 फीसदी पर रहा।
पाकिस्तान में दूसरे स्मार्टफोन के ब्रांडो में मोटोरोला, नोकिया, एप्पल व एलजी शामिल हैं।
पाकिस्तान के ‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ की बीते महीने की एक रिपोर्ट के मुताबिक, मोबाइल सेवा प्रदाताओं के बीच ऑपरेटिंग लाइसेंस की समय सीमा समाप्ति के नजदीक होने को लेकर चिंता बढ़ रही है।