इस्लामाबाद, 29 मार्च (आईएएनएस)। लाहौर में आतंकवादी हमले में 72 लोगों की मौत के बाद जहां पूरे पाकिस्तान में मातम है, वहीं प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने कहा है कि सरकार तब तक चुप नहीं बैठेगी जब तक हरेक देशवासियों के खून के आखिरी कतरे का बदला नहीं ले लेगी। सोमवार को मृतकों की संख्या बढ़कर 72 हो गई, जिनमें अधिकांश महिलाएं और बच्चे हैं। आत्मघाती हमले में 250 लोग घायल हुए हैं।
राहत दल के प्रवक्ता दीबा शहबाज ने कहा कि 72 मृतकों में 29 बच्चे शामिल हैं। अल्लामा इकबाल शहर केगुलशन-ए-इकबाल पार्क के पार्किं ग स्थल में रविवार को उस समय विस्फोट हुआ, जब ईसाई समुदाय के लोग ईस्टर मना रहे थे।
आतंकी हमले के बाद राष्ट्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने कहा, “जो लोग आतंकवाद, सांप्रदायिक घृणा और उग्रवाद को प्रश्रय दे रहे हैं, उन्हें खुला घूमने की छूट नहीं दी जाएगी। उन्हें कानून का सामना करना पड़ेगा।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि आतंकवादी अपने पनाहगाहों और प्रशिक्षण केंद्रों से खदेड़े जा रहे हैं, इसलिए आसान लक्ष्यों जैसे पार्को और स्कूलों को निशाना बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन जर्ब-ए-अज्ब के दौरान देश की सेना, पुलिस और नागरिक प्रशासन के लोगों ने आतंकवाद को जड़ से उखाड़ने के लिए अपनी जान की कुर्बानी दी है।
शरीफ ने कहा कि इस अभियान से कई लक्ष्य हासिल हुए हैं। उन्होंने कहा कि आतंकवाद के खतरे को समाप्त करने के प्रयास जारी रहेंगे।
शरीफ ने कहा कि उनकी सरकार ने 2013 में शपथ ग्रहण करते समय आतंकवाद को जड़ से खत्म करने की शपथ ली थी। लेकिन यह भी हकीकत है कि विगत 13 सालों में किसी सरकार ने इस खतरे से निपटने का साहस नहीं दिखाया।
इस्लामाबाद में मुमताज कादरी के समर्थकों के विरोध-प्रदर्शन का उल्लेख करते हुए शरीफ ने कहा कि इस्लाम शांति का धर्म है। यह जन धन को क्षति पहुंचाने की इजाजत नहीं देता है।
शरीफ ने कहा, “सरकार की नरमी को राज्य की कमजोरी नहीं समझना चाहिए। लोगों की जान माल की सुरक्षा करना सरकार की जिम्मेदारी है।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि केवल पाकिस्तान ही नहीं, बल्कि विश्व के अन्य हिस्से भी इस खतरे से जूझ रहे हैं। अंकारा, इस्ताम्बुल, ब्रसेल्स और पेरिस में हाल ही में हुए हमले इसके सबूत हैं। उन्होंने कहा, “लेकिन मैं स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि इन आतंकवादियों के लिए हमारे देश में कोई जगह नहीं है।”
प्रधानमंत्री नवाज ने गृहमंत्री चौधरी निसार के साथ जिन्ना अस्पताल जाकर घायलों के स्वास्थ्य के बारे में भी जानकारी ली।
हमले के बाद खुफिया एजेंसियों और पाक रेंजर्स के साथ मिलकर पाकिस्तानी सेना ने लाहौर, फैसलाबाद और मुल्तान में पांच सूत्री ऑपरेशन शुरू कर दिया है। अभियान के दौरान कई संदिग्ध आतंकवादियों और उनके मददगारों को गिरफ्तार किया गया है और उनके कब्जे से हथियार और गोला-बारूद बरामद किए गए हैं।
हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान तालिबान से अलग हुए गुट जमात-उल-अहरार ने ली है। आतंकी संगठन ने कहा है कि ईसाई लोग उनके निशाने पर थे।
इस बीच पंजाब के मुख्यमंत्री शहबाज शरीफ ने प्रत्येक मृतक के परिजनों को 10-10 लाख पाकिस्तानी रुपये, घायलों को तीन-तीन लाख रुपये और मामूली रूप से घायलों को डेढ़-डेढ़ लाख रुपये देने की घोषणा की है।
पाकिस्तान में आतंकी हमले की निंदा अमेरिका, ब्रिटेन, भारत और तुर्की समेत विश्व के कई देशों के नेताओं ने की है।
इस बीच पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की विज्ञप्ति के अनुसार नवाज ने अपनी अमेरिकी यात्रा रद्द कर दी है। वह वाशिंगटन में सोमवार को परमाणु सम्मेलन में पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व करने वाले थे।