नई दिल्ली/इस्लामाबाद, 10 अप्रैल (आईएएनएस)। पाकिस्तान में जासूसी करने और देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने के आरोप में भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को मौत की सजा सुनाई गई है, जिस पर भारत ने पाकिस्तान को सख्त लहजे में चेतावनी दी।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा है कि कुलभूषण जाधव को ‘कानून एवं न्याय के मूलभूत नियमों का पालन किए बगैर’ फांसी की सजा सुनाई गई है और यदि जाधव को फांसी दे दी गई तो इसे ‘पूर्वनियोजित हत्या’ माना जाएगा।
जाधव का परिवार इस समय मुंबई में रह रहा है।
पाकिस्तान की इंटर सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) ने सोमवार को कहा कि फील्ड जनरल कोर्ट मार्शल ने जाधव को मौत की सजा सुनाई। सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा ने इसकी पुष्टि की।
आईएसपीआर ने एक संक्षिप्त बयान में कहा है कि भारतीय नौसेना का अधिकारी जाधव भारत की खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) से जुड़ा था, जो हुसैन मुबारक पटेल नाम का इस्तेमाल करता था।
वहीं, भारतीय अधिकारियों ने पाकिस्तान के आरोपों को खारिज करते हुए कहा था कि वह अब नौसेना के लिए काम नहीं करते।
जाधव को तीन मार्च, 2016 को बलूचिस्तान के माशकेल इलाके में पाकिस्तान के खिलाफ जासूसी तथा विध्वंसकारी गतिविधियों में लिप्त होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
बयान में कहा गया है कि जाधव पर पाकिस्तान आर्मी एक्ट, 1952 की धारा 59 तथा ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट, 1923 की धारा तीन के तहत मुकदमा चलाया गया।
आईएसपीआर ने कहा कि कोर्ट मार्शल ने सभी आरोपों में जाधव को दोषी पाया।
आईएसपीआर ने कहा, “उन्होंने (जाधव) एक दंडाधिकारी के समक्ष अपना जुर्म कबूल करते हुए कहा था कि पाकिस्तान को अस्थिर करने तथा उसके खिलाफ युद्ध छेड़ने के लिए रॉ ने उन्हें जासूसी करने तथा विध्वंसक गतिविधियों को अंजाम देने का काम सौंपा था, ताकि बलूचिस्तान तथा कराची में शांति बहाल करने की प्रशासन की कोशिशों को बाधित किया जा सके।”
भारत के विदेश सचिव एस. जयशंकर ने पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित को इस संबंध में एक पत्र सौंपा, जिसमें ये बातें कही गई हैं।
एक आधिकारिक वक्तव्य में कहा गया है, “अगर जाधव को फांसी दे दी गई है तो भारत सरकार और भारत की जनता इसे पूर्वनियोजित हत्या का मामला मानती है।”
बासित को सौंपे गए पत्र में भारत ने कहा है कि पिछले वर्ष ईरान से जाधव का अपहरण कर लिया गया और ‘पाकिस्तान में जाधव की उपस्थिति के संबंध में कभी भी कोई तथ्यपरक प्रमाण नहीं दिए गए’।
पत्र में आगे कहा गया है कि इस्लामाबाद में नियुक्त भारतीय उच्चायोग ने 25 मार्च, 2016 से 31 मार्च, 2017 के बीच 13 बार जाधव से संपर्क की मांग की। लेकिन पाकिस्तानी अधिकारियों ने एकबार भी इसकी इजाजत नहीं दी।
भारत ने कहा, “जाधव के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला, इसलिए उन्हें दी गई मौत की सजा और मामले की पूरी सुनवाई हास्यास्पद है। गौरतलब है कि भारतीय उच्चायोग को एकबार भी जाधव के खिलाफ मामले की सुनवाई के संबंध में सूचित नहीं किया गया। पाकिस्तान की कुछ शख्सियतों ने खुद मामले में सबूत की प्रामाणिकता पर सवाल उठाए हैं।”
भारतीय अधिकारियों ने कहा कि जाधव भारतीय नौसेना के लिए काम कर चुका था और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ने जब उसे गिरफ्तार किया, तब वह ईरान में अपने निजी व्यावसायिक कार्य से गया हुआ था।
इस बीच नई दिल्ली में शिव सेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने भारत सरकार से जाधव को बचाने के लिए ‘जरूरत पड़ने पर सख्त कदम उठाने’ की अपील की।
एम्नेस्टी इंटरनेशनल के अनुसार पाकिस्तान फांसी की सजा देने के मामले में दुनिया के शीर्ष-5 देशों में शामिल है और 2016 में पाकिस्तान ने 87 लोगों को फांसी की सजा दी।
जाधव को मौत की सजा सुनाए जाने की खबर आने के बाद मुंबई के हीरानंदनी गरडस स्थित जाधव के घर पड़ोसियों और मित्रों के पहुंचने का तांता लग गया। कुछ लोगों ने हाथों में नारे लिखी तख्तियां भी ले रखी थीं।
एहतियात के तौर पर पुलिस ने जाधव के घर के बाहर पुलिसकर्मी तैनात कर दिए हैं। कुछ पुलिसकर्मी सिल्वर ओक इमारत के पांचवें माले पर रह रहे जाधव के परिवार वालों से भी मिलने पहुंचे।
अधिकतर पड़ोसियों और मित्रों का कहना है कि जाधव ऐसा काम कर ही नहीं सकते, जैसे आरोप उन पर लगाए गए हैं।
पाकिस्तान ने वहीं जाधव को मौत की सजा सुनाए जाने के फैसले का बचाव किया है।
नई दिल्ली में नियुक्त पाकिस्तान के उच्चायुक्त बासित ने कहा, “आप आतंकवाद को प्रश्रय नहीं दे सकते और एक आतंकवादी को मौत की सजा सुनाए जाने पर किसी राजनयिक से जवाब तलब नहीं कर सकते। राष्ट्रीय सुरक्षा से ऊपर कुछ भी नहीं है।”
उन्होंने कहा कि ‘एक आतंकवादी’ को मौत की सजा सुनाकर पाकिस्तान ने कोई गलती नहीं की है।
उधर इस्लामाबाद में पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा है कि यह फांसी की सजा पाकिस्तान में आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्त अन्य लोगों के लिए चेतावनी के समान है।
समाचार चैनल ‘जीयो न्यूज’ ने आसिफ के हवाले से कहा, “पाकिस्तान के खिलाफ साजिश रचने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।”