इस्लामाबाद, 13 जनवरी (आईएएनएस)। अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी ने मंगलवार को यहां कहा कि पाकिस्तान को अमेरिका 25 करोड़ डॉलर की सहायता देगा। यह राशि सैन्य सहायता के लिए दी गई राशि के अतिरिक्त होगी।
द न्यूज इंटरनेशनल की रपट के मुताबिक, केरी ने कहा कि सहायता राशि अशांत कबायली इलाकों में विस्थापित हुए लोगों के लिए भोजन, आवास तथा अन्य सहायता के लिए दी जाएगी।
केरी ने कहा कि पाकिस्तान को उन आतंकवादी समूहों से लड़ना चाहिए जिनने अफगानिस्तान, भारत तथा अमेरिका के हितों को प्रभावित कर रखा है।
केरी, प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के राष्ट्रीय सुरक्षा एवं विदेशी मामलों के सलाहकार सरताज अजीज के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।
इस मौके पर अजीज ने अमेरिका से आग्रह किया कि वह पाकिस्तान को सहायता राशि देना जारी रखे, ताकि उन इलाकों के पुनर्निर्माण में मदद मिल सके, जहां पाकिस्तानी सेना आतंकवादी समूहों से मुकाबला कर रही है।
उन्होंने कहा, “गठबंधन सहायता कोष से राशि मिलने का सिलसिला जारी रहना एक बहुमूल्य मदद है, जो दोनों देशों के हितों के लिए महत्वपूर्ण है।”
डॉन के अनुसार, केरी ने कहा, “जिस प्रकार मुश्किल घड़ी में हम फ्रांस के साथ खड़े हैं, उसी तरह अमेरिका पाकिस्तान के लोगों के साथ भी खड़ा रहेगा, ताकि वे एक ऐसा भविष्य निर्माण कर सकें, जो हिंसक आतंकवाद के खतरे से मुक्त हो।”
उन्होंने कहा, “तमाम आतंकवादियों तथा आतंकवादी समूहों से मुकाबले की महत्ता पर प्रधानमंत्री नवाज शरीफ तथा पाकिस्तान के नेताओं के बीच आपसी सहमति का हम स्वागत करते हैं।”
केरी ने कहा, “तमाम आतंकवादी संगठन जैसे तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी), हक्कानी नेटवर्क तथा लश्कर-ए-तैयबा से न केवल पाकिस्तान को, बल्कि अमेरिका तथा पूरी दुनिया को खतरा है।”
अमेरिकी नेतृत्व वाले अधिकांश सैनिक पड़ोसी देश अफगानिस्तान में अपना मिशन आधिकारिक तौर पर पूरा कर वापस लौट गए हैं। इसके कारण क्षेत्र में स्थिरता को लेकर चिंता बढ़ गई है। वहीं आतंकवादियों ने भी हमले तेज कर दिए हैं, जिसका नतीजा 16 दिसंबर को पेशावर में आर्मी पब्लिक स्कूल पर हुए हमले के रूप में सामने आया है।
पाकिस्तान ने वादा किया है कि वह अच्छे और खराब आतंकवादियों के बीच अंतर बंद कर उनके खिलाफ कार्रवाई को अंजाम देगा।
केरी ने कहा, “यह प्रयास कितना व्यापक रहा और इसमें कितनी सफलता मिली है, इसका पता आने वाले दिनों, हफ्तों तथा महीनों में चलेगा।”
उन्होंने कहा कि 16 दिसंबर को पेशावर के आर्मी पब्लिक स्कूल पर तालिबानी हमला, आतंकवादियों को पनाह देने के गंभीर खतरों से आगाह करता है।
केरी ने कहा कि कश्मीर में सीमा पर हुई हालिया हिंसा को लेकर वह बेहद चिंतित हैं और उन्होंने भारत तथा पाकिस्तान से आग्रह किया कि इसका कूटनीतिक समाधान ढूंढ़ा जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, “संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए यह भारत तथा पाकिस्तान के हित में है।”
वहीं अजीज ने कहा, “भारत द्वारा विदेश सचिव स्तर की वार्ता बंद करना, नियंत्रण रेखा और अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर बिना उकसावे गोलीबारी पाकिस्तान के लिए चिंता के कारण हैं। ऐसे में हमें लगता है कि अमेरिका अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का एक प्रभावशाली सदस्य है और इस नाते वह भारत को इसके लिए तैयार कर सकता है कि क्षेत्रीय शांति एवं आर्थिक समृद्धि के लिए वह हमारे साथ मिलकर काम करे।”
इस बीच केरी ने सेना मुख्यालय का भी दौरा किया, जहां उन्होंने पाकिस्तान के सैन्य प्रमुख जनरल राहील शरीफ से मुलाकात की।
केरी ने जनरल शरीफ से पाकिस्तान-अमेरिका संबंधों के साथ ही अफगानिस्तान सहित तमाम सुरक्षा हालात पर चर्चा की।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।