नई दिल्ली, 28 फरवरी (आईएएनएस)। कई पूर्व खिलाड़ियों और बीसीसीआई के अधिकारियों ने आगामी विश्व कप में पाकिस्तान के खिलाफ होने वाले मैच का बहिष्कार करने की मांग की है और उन्होंने कहा कि पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तान को अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट समुदाय से अलग-थलग कर देना चाहिए।
विश्व मैच का बहिष्कार करने का मतलब विपक्षी टीम को दो अंक दे देना है। विश्व कप में सभी 10 टीमों को राउंड रोबिन के आधार पर एक-दूसरे से मैच खेलना है।
भारत को टूर्नामेंट में अपना तीसरा मैच 16 जून को पाकिस्तान के खिलाफ खेलना है।
विश्व कप जैसे बड़े टूर्नामेंट में पाकिस्तान को एक बड़े अंतर से हराना, दो अंक देने से भी ज्यादा बड़ा बदला होगा। पाकिस्तान ने विश्व कप में भारत को कभी नहीं हराया है।
विश्व कप में पाकिस्तान के खिलाड़ी हमेशा भारत के सामने दबाव में रहते हैं।
आईसीसी सदस्यों को पाकिस्तान के साथ क्रिकेट संबंधों को खत्म करने और उन्हें विश्व कप से प्रतिबंधित करना, एक बेहतर विकल्प है। बीसीसीआई को इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए आईसीसी और अन्य राष्ट्रीय क्रिकेट बोर्ड के साथ अपने सभी विकल्पों का उपयोग करना होगा।
पूर्व क्रिकेटर चेतन चौहान ने इस महीने की शुरुआत में एक समाचार चैनल से कहा था, “विश्व कप और ओलंपिक पहले ही तय किए जाते हैं। हम पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय सीरीज नहीं खेलते हैं। पाकिस्तान को विश्व कप से बाहर करना सबसे अच्छी बात है। पाकिस्तान में आतंकवाद के बढ़ने से हर देश चिंतित है। यह सभी के लिए एक समस्या है। पाकिस्तान को विश्व कप से बाहर करने के लिए हमें आईसीसी पर दबाव डालना चाहिए।”
हालांकि, इस रणनीति को लागू करना आसान नहीं होगा।
आईएएनएस ने जब बीसीसीआई के कार्यवाहक अध्यक्ष सी.के. खन्ना और प्रशासकों की समिति (सीओए) के सदस्य डायना एडुल्जी ने इस मामले पर संपर्क करने की कोशिश की तो उन्होंने इस टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।