ब्रिस्बेन, 1 मार्च (आईएएनएस)। आईसीसी विश्व कप-2015 के पूल-बी के अपने तीसरे मैच में जिम्बाब्वे के खिलाफ पाकिस्तान की जीत में अहम भूमिका निभाने वाले कप्तान मिस्बाह उल हक ने 73 रनों की अपनी पारी में कई रोचक कीर्तिमान स्थापित किए।
विश्व कप-2015 में पाकिस्तान की यह पहली जीत है। मिस्बाह के अलावा वहाब रियाज ने भी पाकिस्तान की जीत में गेंद और बल्ले दोनों से अहम योगदान दिया।
मिस्बाह और रियाज की अर्धशतकीय पारियों की बदौलत पाकिस्तान पहले बल्लेबाजी करते हुए जिम्बाब्वे के सामने जीत के लिए 236 रनों का लक्ष्य रखा, जिसके जवाब में जिम्बाब्वे रियाज और मोहम्मद इरफान की धारदार गेंदबाजी के आगे 49.4 ओवरों में 215 रनों पर ढेर हो गई।
पाकिस्तान के सर्वाधिक रन बनाने वाले कप्तान :
मिस्बाह अपनी अर्धशतकीय पारी के साथ ही पाकिस्तान के कप्तान के तौर पर क्रिकेट के सभी प्रारूपों में सर्वाधिक रन बनाने वाले कप्तान बन गए। मिस्बाह ने रविवार की अपनी 73 रनों की पारी के साथ कप्तान के तौर पर 5712 रन बना लिए और पाकिस्तान को विश्व कप जिताने वाले पूर्व दिग्गज कप्तान इमरान खान (5655 रन) से आगे निकल गए।
बिना शतक लगाए सर्वाधिक अर्धशतक : मिस्बाह ने इस मैच में अंतर्राष्ट्रीय एकदिवसीय करियर का अपना 40वां अर्धशतक लगाया। सबसे मजेदार यह है कि मिस्बाह अब तक अंतर्राष्ट्रीय एकदिवसीय में एक भी शतक नहीं लगा सके हैं। मिस्बाह का अंतर्राष्ट्रीय एकदिवसीय में सर्वोच्च स्कोर नाबाद 96 रन का है।
विश्व कप मैच जीतने वाले सबसे उम्रदराज कप्तान : मिस्बाह उल हक ने 40 वर्ष 277 दिन की आयु में रविवार को आईसीसी विश्व कप में मैच जीता और विश्व कप में मैच जीतने वाले सबसे उम्रदराज खिलाड़ी बन गए। विश्व कप में 40 वर्ष की अवस्था के बाद मैच जीतने वाले वह एकमात्र कप्तान हैं।
मिस्बाह के अलावा दिग्गज हरफनमौला खिलाड़ी शाहिद अफरीदी ने भी कुछ रोचक कीर्तिमान बनाए।
गौरतलब है कि एक मार्च अफरीदी का जन्मदिन है और अपने जन्मदिन पर विश्व कप में शून्य पर आउट होने वाले वह दूसरे खिलाड़ी बन गए। इससे पहले यह उपलब्धि इयान बेल के नाम थी।
इसके अलावा अफरीदी करियर में 30वीं बार शून्य पर आउट हुए। हालांकि पाकिस्तान की ओर से खेलते हुए अफरीदी के नाम 29 बार शून्य पर पवेलियन लौटने का कीर्तिमान बना जो किसी भी पाकिस्तानी खिलाड़ी के लिए सर्वाधिक है। इससे पहले वसीम अकरम (28 बार) पाकिस्तान के सर्वाधिक बार शून्य पर आउट होने वाले खिलाड़ी थे।