इस्लामाबाद, 2 फरवरी (आईएएनएस)। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा के स्कूलों में कंटीले तारों की घेराबंदी, सीसीटीवी कैमरा और बंदूकधारी सुरक्षाकर्मी आसानी से देखे जा सकते हैं।
सरकार ने प्रांत के निजी स्कूलों को सुरक्षा गार्ड और मेटल डिटेक्टर का प्रबंध करने को कहा है।
सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, स्कूल अधिकारी हालांकि, उन्हें आतंकवादियों से मिली धमकी पर चुप्पी साधे हुए हैं, लेकिन प्रधानाध्यापकों को खाली ताबूत भेजे जाने की खबरें सामने आ रही हैं, जो आगे आने वाले खतरे के संकेत लग रहे हैं।
ये गतिविधियां 16 दिसंबर को तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) द्वारा पेशावर के सैनिक स्कूल पर किए गए हमले के बाद हुई हैं। इस हमले में विद्यार्थियों सहित 140 कर्मचारियों की मौत हो गई थी।
हमले के बाद टीटीपी प्रवक्ता मोहम्मद खुरासानी ने कहा कि यह खूनखराबा दक्षिणी वजीरिस्तान, उत्तरी वजीरिस्तान और खैबर एजेंसी में सेना के लगातार चलाए गए अभियान में सैकड़ों निर्दोष कबायलियों की हत्या के बदले स्वरूप किया गया था।
पिछले महीने प्रांतीय सरकार स्कूलों में सुरक्षा बढ़ाने के लिए सात अरब रुपये खर्च करने का वादा किया था।
खैबर पख्तूनख्वा के सूचना मंत्री मुश्ताक गनी ने कहा कि 35,000 सरकारी स्कूलों को हमले से बचाने के लिए यह धनराशि काफी नहीं है।
इसलिए असाधारण उपाय करते हुए खैबर पख्तूनख्वा सरकार ने स्कूली शिक्षकों को लाइसेंस वाले बंदूक रखने की मंजूरी दे दी है।
इधर, पेशावार के शूटिंग रेंज में खैबर पख्तूनख्वा पुलिस बल ने शिक्षकों की रुचि को देखते हुए उन्हें बंदूक चलाने का प्रशिक्षण देना शुरू किया।
करीब 20 शिक्षिकाओं ने भी पुलिस निरीक्षक से प्रशिक्षण लिया है। इनमें से अधिकांश ने कभी बंदूक नहीं थामी थी।