नई दिल्ली/पणजी, 28 मार्च (आईएएनएस)। विपक्षी दलों ने सोमवार को सरकार द्वारा पाकिस्तान से आए जांच दल को पठानकोट हमले की जांच की अनुमति देने पर सवाल उठाए। इस दल में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई का अधिकारी भी शामिल है।
लेकिन, रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने सोमवार को कहा कि पाकिस्तान से आए जांच दल को केवल घेरेबंदी किए गए ‘अपराध स्थल’ तक जाने की ही अनुमति दी गई है।
दिल्ली विधानसभा में सत्ताधारी आम आदमी पार्टी ने सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि वह आईएसआई (पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी) के अधिकारी को वायुसेना अड्डे के अंदर जाने की अनुमति कैसे दे सकती है। वहीं, कांग्रेस ने भी सरकार के इस कदम की आलोचना की है।
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, “यह एक ऐसा मामला है जहां आरोपी ही जांच कर रहा है। भाजपा सरकार ने यह कदम उठाकर पाकिस्तान को बताया है कि इस हमले में उसकी कोई भूमिका नहीं है।”
सुरजेवाला ने कहा, “पाकिस्तान से आए जांच दल में बदनाम आईएसआई का अधिकारी क्यों शामिल है?”
वहीं, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक कदम आगे बढ़कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पाकिस्तान के आगे हथियार डालने का दोषी ठहराते हुए कहा कि आईएसआई खुद आतंकवादियों को भारत भेजती है और अब उसी एजेंसी को जांच करने का जिम्मा भी सौंपा गया है।
एनआईए के सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि पाकिस्तानी जांचकर्ताओं को हमले से संबंधित साक्ष्य दिए गए हैं। साथ ही उनकी इस हमले के गवाहों से भी मुलाकात कराई जाएगी। लेकिन, इनमें राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) या सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) का कोई कर्मी शामिल नहीं होगा।
पठानकोट वायुसेना अड्डे पर पाकिस्तान के संदिग्ध आतंकवादियों द्वारा किए गए हमले की जांच करने के लिए पाकिस्तान से एक पांच सदस्यीय जांच दल भारत आया है, जिसमें पाकिस्तानी खुफिया व पुलिस अधिकारी शामिल हैं। पाकिस्तानी जांच दल में लेफ्टिनेंट कर्नल अहमद पहले आईएसआई के अधिकारी हैं जिन्हें भारत ने आधिकारिक रूप से भारत का दौरा करने की अनुमति दी है।
पर्रिकर ने कहा कि रक्षा मंत्रालय ने वायुसेना अड्डे तक जाने की जांच दल की मांग खारिज कर दी है। उन्होंने कहा, “अपराध स्थल की घेरेबंदी कर उसे एनआईए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) को सौंप दिया गया है। अत: उस स्थल तक पाकिस्तानी जांच दल को जाने की अनुमति दी गई है।”
पर्रिकर ने कहा कि यह स्थल वायुसेना अड्डे से पूरी तरह अलग-थलग है। उसे इस तरीके से घेरा गया है कि वायुसेना अड्डे से उसका कोई संपर्क नहीं है। यहां तक कि वहां तक जाने के लिए अलग रास्ता बना हुआ है। वहां से किसी भी संवेदनशील जगह को देखा नहीं जा सकेगा।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी जांच दल को किसी रक्षा अधिकारी से बात करने की अनुमति नहीं है और पठानकोट दौरे के दौरान वे किसी रक्षा वाहन का इस्तेमाल नहीं करेंगे।
पर्रिकर ने कहा, “अपराध स्थल को इस तरह घेरा गया है कि वहां से वायुसेना अड्डे का कोई दृश्य नहीं दिखता। वह जगह एनआईए के हवाले की गई है और जांच दल को भी ले जाने का काम एनआईए के जिम्मे है। अगर हम उन्हें (एनआईए) जांच की आजादी नहीं देंगे तो असफलता का ठीकरा रक्षा मंत्रालय के सिर फोड़ा जाएगा।”
जानकार सूत्रों ने बताया कि पठानकोट में दो जनवरी को हुए हमले की जांच के लिए पाकिस्तानी अधिकारी रविवार को दिल्ली पहुंचे। मंगलवार को जांच दल के अधिकारी पठानकोट जाएंगे।
इस हमले के दौरान सभी आतंकवादी मारे गए थे। सात सुरक्षाकर्मी शहीद हुए थे।
पर्रिकर ने वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अरूप राहा के उस बयान पर कोई टिप्पणी नहीं की, जिसमें उन्होंने कहा कि अगर सरकार राजी है तो जांच दल को वायुसेना अड्डे तक ले जाने में भारतीय वायुसेना को आपत्ति नहीं है।
राहा ने यह भी कहा कि वायुसेना चाहती है कि जांच पूरी कर जल्द से जल्द मामला खत्म किया जाए।