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 ‘पाकिस्तानी जांच दल का भारत जाना ऐतिहासिक’ | dharmpath.com

Saturday , 23 November 2024

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‘पाकिस्तानी जांच दल का भारत जाना ऐतिहासिक’

इस्लामाबाद, 19 मार्च (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और उनके भारतीय समकक्ष नरेंद्र मोदी को द्विपक्षीय वार्ता के लिए अपना समय और साधन खर्च करना चाहिए। यह बात यहां के एक प्रभावशाली दैनिक ने कही। दैनिक ने पाकिस्तानी जांच दल की संभावित भारत यात्रा को भी इतिहास रचने वाला बताया।

‘डॉन’ अखबार के संपादकीय में ‘पाकिस्तान-इंडिया पीस प्रोसेस’ शीर्षक से शनिवार को छपे लेख में कहा गया है कि पाकिस्तानी जांच दल का संभावित भारत यात्रा आवश्यक और इतिहास रचने वाला है।

दैनिक की नजर में जनवरी की शुरुआत में भारत में पठानकोट वायुसेना हवाईअड्डे पर हुए हमले एक मनहूस कहानी है जो फिर दोनों देश के बीच द्विपक्षीय वार्ता को पटरी से उतार सकती थी।

डॉन ने इसका श्रेय दोनों देशों की सरकारों को देते हुए कहा, “पठानकोट हमला खेल नहीं बिगाड़ सका जो वह बिगाड़ सकता था, क्योंकि दोनों देशों की सरकारों ने संचार का चैनल खुला रखा है।”

अखबार का कहना है कि अब पठानकोट हमले के करीब तीन माह हो चुके हैं और पाकिस्तानी जांच दल इस माह के अंत में भारत पहुंचेगा।

यह ध्यान देने योग्य है कि पिछले साल दोनों देशों ने समग्र द्विपक्षीय वार्ता के लिए राजी होकर साहस दिखाया था, लेकिन यह रुकी हुई है।

संपादकीय में यह भी तजबीज किया गया है, “वार्ता प्रक्रिया शुरू करने का समय आ गया है। लेकिन यह निराशाजनक है कि नेपाल में दक्षेस सम्मेलन से इतर नवाज शरीफ के विदेश मामले के सलाहकार सरताज अजीज और भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के बीच बातचीत में पठानकोट हमले की जांच से बात आगे नहीं बढ़ सकी।”

डॉन का कहना है कि समग्र वार्ता की फिर से शुरुआत दो बातों पर टिका हुआ है। प्रशासनिक दृष्टि से दोनों देशों के विदेश सचिवों को समग्र वार्ता के लिए विभिन्न उप समूहों की बैठकों के लिए अनुसूची बनानी चाहिए और यह तय करना चाहिए कि कैसे पहले चक्र की वार्ता होगी।

संपादकीय के अनुसार, चूंकि दोनों देश विदेश सचिव स्तर की वार्ता की तिथि की घोषणा करने के मूड में नहीं हैं, इसलिए पाकिस्तान की ओर से पठानकोट हमले की जांच में प्रगति कड़ी का काम कर सकती है।

डॉन की नजर में राजनीतिक दृष्टिकोण से मोदी और शरीफ दोनों को वार्ता के लिए समय और साधन खर्च करना चाहिए, ताकि इसकी फिर से शुरुआत सुनिश्चित हो और धीरे-धीरे नौकरशाही वार्ता परिणाम की ओर बढ़े।

अब तक दोनों देशों के नेताओं ने एक दूसरे से मुलाकात करने की इच्छा का ही जोखिम उठाया है। लेकिन सचमुच वार्ता प्रक्रिया को आगे बढ़ाने की इच्छा नहीं जताई है। इसलिए दोनों को रुख बदलना होगा। और अस्थाई विचारों से आगे जाना होगा।

अखबार ने आगे कहा, “शायद भारत को चाहिए कि वह किसी एक मुद्दा से वार्ता को नहीं जोड़े। खास तौर पर आतंकी हमला से जो वार्ता को पटरी से उतारने के लिए होता है।”

दैनिक समाचारपत्र ने इस बात पर जोर दिया है कि इस क्षेत्र में आतंकवाद के खतरे का मुकाबला पाकिस्तान और भारत संयुक्त कार्रवाई के जरिए ही कर सकते हैं और इसके लिए केवल वार्ता ही ठोस ढांचा बनाने का अवसर दे सकती है।

अंत में दैनिक ने कहा, “पाकिस्तान को भी भारत की आतंकवाद से संबंधित चिंता को समझनाा चाहिए जिसे वह (भारत) पाकिस्तान के साथ जोड़ कर देखता है। हाल में पाकिस्तान ने जो भारत के साथ खुफिया जानकारी साझा की है वह सकारात्मक कदम है। पठानकोट और मुंबई हमलों के संबंध में त्वरित कार्रवाई ठोस संकेत देगा।”

‘पाकिस्तानी जांच दल का भारत जाना ऐतिहासिक’ Reviewed by on . इस्लामाबाद, 19 मार्च (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और उनके भारतीय समकक्ष नरेंद्र मोदी को द्विपक्षीय वार्ता के लिए अपना समय और साधन खर्च करना चाहिए। यह बात य इस्लामाबाद, 19 मार्च (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और उनके भारतीय समकक्ष नरेंद्र मोदी को द्विपक्षीय वार्ता के लिए अपना समय और साधन खर्च करना चाहिए। यह बात य Rating:
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