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 पांच साल बाद मिले मौके को यादगार बनाया : सिद्देश (आईएएनएस साक्षात्कार) | dharmpath.com

Tuesday , 26 November 2024

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पांच साल बाद मिले मौके को यादगार बनाया : सिद्देश (आईएएनएस साक्षात्कार)

नई दिल्ली, 1 जून (आईएएनएस)। किसी टीम के साथ पांच साल तक बने रहना और इतने लंबे अतंराल के बाद उस टीम के लिए पदार्पण करना बताता है कि खिलाड़ी के भीतर कितना धैर्य है। सिद्देश लाड़ के साथ कुछ ऐसा ही हुआ है। वह मुंबई इंडियंस के साथ पांच साल से थे लेकिन 2019 में उन्हें पदार्पण करने का मौका मिला।

नई दिल्ली, 1 जून (आईएएनएस)। किसी टीम के साथ पांच साल तक बने रहना और इतने लंबे अतंराल के बाद उस टीम के लिए पदार्पण करना बताता है कि खिलाड़ी के भीतर कितना धैर्य है। सिद्देश लाड़ के साथ कुछ ऐसा ही हुआ है। वह मुंबई इंडियंस के साथ पांच साल से थे लेकिन 2019 में उन्हें पदार्पण करने का मौका मिला।

सिद्देश का कहना है कि इंतजार लंबा था, लेकिन उन्होंने पहली ही गेंद पर छक्का मार इस पदार्पण को यादगार बना लिया।

सिद्देश ने 10 अप्रैल को किंग्स इलेवन पंजाब के साथ आईपीएल पदार्पण किया था और पहली ही गेंद पर छक्का मारा। सिद्देश कहते हैं कि वह उस छक्के को कभी नहीं भूलेंगे।

सिद्देश ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “मैं मुंबई इंडियंस के साथ पांच साल से हूं और महान खिलाड़ियों के साथ ड्रेसिंग रूम शेयर कर रहा हूं। इससे मुझे घरेलू क्रिकेट खेलने में मदद मिली है। मैंने हाल ही में देखा है कि वह किस तरह से मैच की तैयारी करते हैं, उनके वर्क एथिक्स क्या हैं।”

उन्होंने कहा, “मैंने पांच साल अपने पदार्पण का इंतजार किया और मैंने अपनी पहली ही गेंद पर छक्का मारा। यह एक रिकार्ड ही है। यह मेरे लिए विशेष था। साथ ही मैं तीसरी बार टीम की खिताबी जीत का हिस्सा बना। यह भी मेरे लिए बहुत बड़ी बात थी जिसे मैं कभी नहीं भूलूंगा।”

सिद्देश मुंबई टी-20 लीग में शिवाजी पार्क टीम से खेले थे और कप्तानी की थी। सिद्देश का कहना है कि इस तरह की लीग में कप्तानी काफी दबाव पूर्ण होती है क्योंकि समय कम होने के कारण फैसले तुरंत लेने होते हैं।

दाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने कहा, “मुझे यह लगता है कि काफी तेजी से होने वाला प्रारूप है। आपको फैसले जल्दी लेने होते हैं। आपको जिम्मेदारी भी लेनी होती। आपको बाकी खिलाड़ियों के लिए भी उदाहरण तय करने होते हैं। साथ ही आपको अपना स्वाभाविक खेल खेलना होता। यह बेहद मुश्किल होता है लेकिन इससे मैंने काफी कुछ सीखा है। अगली बार इस अनुभव से मुझे फायदा होगा।”

सिद्देश ने साथ ही कहा कि इस लीग के आने से मुंबई के कई खिलाड़ियों को अपन प्रतिभा दिखाने का मौका मिला जो मुंबई जैसे बड़े शहर की भीड़ में कई बार छुपे रह जाते हैं।

उन्होंने कहा, “यह मुंबई के खिलाड़ियों के लिए बेहतरीन मंच है जो इस बड़े शहर की छुपी हुई प्रतिभा को मंच दे रहा है। मुंबई क्रिकेट को भी इससे फायदा होगा। चयनकतार्ओं को रणजी टीम चुनने के लिए और खिलाड़ी मिलेंगे।”

सिद्देश ने जब आईपीएल में पदार्पण किया तब उनकी उम्र 27 साल थी। सिद्देश से जब पूछा गया कि आज के तौर में कई युवा खिलाड़ियों ने काफी कम उम्र में आईपीएल खेला और अपना नाम स्थापित किया वहीं देरी से पदार्पण करने का उन्हें कोई पछतावा तो नहीं है? इस पर सिद्देश ने कहा, “मैं टीम में तब था जब टीम में सभी स्टार खिलाड़ी थे। काश मैं कुछ पहले खेल सकता, लेकिन यह मेरे हाथ में नहीं था। लेकिन मुझे इस बात का पछतावा नहीं है।”

सिद्देश ने कहा कि उनके करियर में उनके पिता दिनेश लाड़ का अहम रोल रहा है।

बकौल सिद्देश, “मेरे पिता का मुझ पर काफी प्रभाव रहा है। उन्होंने मुझे खेल का सम्मान करना सिखाया है और साथ ही सिखाया है कि कैसे अनुशासन में रहें।”

दिनेश भारतीय टीम के सलामी बल्लेबाज रोहित शर्मा के भी कोच हैं।

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