नई दिल्ली, 4 मार्च (आईएएनएस)। मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी ने शुक्रवार को असम, केरल, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और केंद्र शासित राज्य पुडुचेरी में विधानसभा चुनाव की घोषणा कर दी। उन्होंने कहा कि मतदान अप्रैल और मई के बीच होंगे। इसके साथ ही इन राज्यों में आदर्श आचार संहिता तत्काल प्रभाव से लागू हो गई। यह वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद राजनीतिक दलों की लोकप्रियता की सबसे बड़ी परीक्षा होगी।
इस चुनाव में करीब 17 करोड़ मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकेंगे। इसमें असम में मतदान दो चरणों में और पश्चिम बंगाल में छह चरणों में होंगे। तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी में सिर्फ एक ही दिन में मतदान संपन्न हो जाएगा।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि 126 विधानसभा सीटों वाले असम में 4 और 11 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे। पश्चिम बंगाल (294 सीटें) में सात चरणों में 4, 11, 17, 30 अप्रैल और 5 मई को 16 मई को मतदान होगा।
केरल (140 सीटें), तमिलनाडु (234 सीटें) और पुडुचेरी (30 सीटें) में एक ही चरण में 16 मई को मतदान होगा।
इन सभी पांच राज्यों में मतों की गिनती 19 मई को होगी।
चुनाव कार्यक्रम की घोषणा होने के कुछ घंटे के अंदर ही तृणमूल कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल के सभी 294 विधानसभा क्षेत्रों के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी।
इन पांच राज्यों में जो महत्वपूर्ण राजनीतिक दल मैदान में उतरेंगे उनमें कांग्रेस, भाजपा, वामदल, तृणमूल कांग्रेस, ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (अन्नाद्रमुक), द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (द्रमुक), असम गण परिषद और ऑल इंडिया युनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) के साथ-साथ एनआर कांग्रेस है जो पुडुचेरी में सत्ता में है।
हालांकि, भाजपा केवल असम में ही सत्ता की लड़ाई में है, लेकिन इस सभी पांच राज्यों के चुनाव परिणाम उसके लिए महत्वपूर्ण होंगे, क्योंकि पिछले साल फरवरी में दिल्ली और नवंबर में बिहार चुनाव में उसे बड़ी हार का सामना करना पड़ा था।
कांग्रेस असम और केरल में सत्ता में है लेकिन दोनों राज्यों में इसे कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है।
असम में कांग्रेस को सत्ता से हटाने के लिए भाजपा ने क्षेत्रीय गुटों से गठबंधन किया है। वामदल केरल में सत्ता में वापसी के लिए विश्वास से भरे हुए हैं। भाजपा भी इस राज्य में अपना खाता खोलने के लिए प्रतिबद्ध है।
तृणमूल कांग्रेस ने कांग्रेस और वामदलों को अपनी एक दशक पुरानी दुश्मनी भूल कर करीब आने के लिए मजबूर कर दिया है। राज्य में भाजपा का चुनावी वजूद बहुत नहीं है।
तमिलनाडु में सत्तारूढ़ एआईडीएमके के खिलाफ कांग्रेस और डीएमके के बीच गठबंधन है। भाजपा भी डीएमडीके के साथ गठबंधन की तैयारी में है।
कई अन्य दल मिलकर राज्य में तीसरा मोर्चा भी बना सकते हैं। पुडुचेरी में कांग्रेस मुख्य विपक्षी दल है।
असम में 1.9 करोड़, केरल में 2.56 करोड़, तमिलनाडु में 5.79 करोड़, पश्चिम बंगाल में 6.55 करोड़ और पुडुचेरी में 92 लाख 7 हजार 34 मतदाता हैं।
इस विधानसभा चुनावों में पहली बार नोटा यानी इनमें से कोई नहीं का भी विकल्प चिन्ह के रूप में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) पर होगा। चुनाव आयोग ने पहली बार नोटा के लिए नए चिन्ह की व्यवस्था की है, जिसे नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन (एनआईडी) ने खास तौर पर डिजाइन किया है। इस नए चिन्ह से मतदाताओं को वोट डालने में सहूलियत होगी।
उल्लेखनीय है कि मतदाता आसानी से उम्मीदवारों को पहचान सकें इसके लिए ईवीएम और पोस्टल मत पत्रों पर उम्मीदवारों की तस्वीरें भी छापी जाएंगी।
जैदी ने कहा, “जब एक ही नाम के दो उम्मीदवार एक ही चुनाव क्षेत्र से चुनाव लड़ते थे तो मतदाता उलझन में पड़ जाते जाते थे। उनकी इसी उलझन को ध्यान में रख कर यह व्यवस्था की गई है। इस उद्देश्य के लिए अब आयोग द्वारा निर्देशित स्टाम्प आकार की हाल की तस्वीर उम्मीदवार को निर्वाचन अधिकारी के पास जमा करनी होगी।”
इन सबके अलावा आयोग ने और भी कई कदम उठाए हैं, ताकि ऐसे वातावरण निर्मित हों जिसमें प्रत्येक मतदाता निर्भीक होकर मतदान केंद्रों तक पहुंचें। उन्होंने कहा कि वस्तु स्थिति के आकलन के आधार पर इन चुनावों के दौरान केंद्रीय रिजर्व पुलिस और अन्य राज्यों से मंगाए गए सशस्त्र पुलिस बल तैनात किए जाएंगे।