लखनऊ। संकटहर्ता हनुमान जी की पूजा-अर्चना का पर्व बड़ा मंगल 28 मई से शुरू होगा। हर वर्ष ज्येष्ठ माह मे पड़ने वाले इस पर्व पर जहां पुराने व नए हनुमान मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना होती है वहीं मेला भी लगता है। श्रद्धालुओं की ओर से सड़क के किनारे पौशालाएं और भंडारे का आयोजन भी किया जाता है।
25 मई से ज्येष्ठ का महीना शुरू हो रहा है। 23 जून तक चलने वाले इस महीने में पड़ने वाले सभी मंगलवार को हनुमान जी की पूजा-अर्चना की जाती है। पं.राधेश्याम शास्त्री ने बताया कि धार्मिक मान्यता है कि मेष लग्न में हनुमान जी का जन्म हुआ था और इस दौरान उनकी पूजा-अर्चना करने से विशेष लाभ होता है। पहला मंगल 28 मई, दूसरा चार जून, तीसरा 11 जून और अंतिम 18 जून को पड़ेगा। बड़े मंगल को लेकर मंदिरों में भी तैयारियां शुरू हो गई हैं। पौशालाएं लगाने वाले भी अपनी तैयारियां कर रहे हैं। नरही, हजरतगंज, कृष्णानगर, इंद्रलोक कॉलोनी, गोमतीनगर व अलीगंज सहित शहर के सभी हनुमान मंदिरों में तैयारियां शुरू हो गई हैं। यह भी मान्यता यह है कि मुगलकाल में महामारी फैल गई थी और लोगों को बचाने के लिए अलीगंज के पुराने हनुमान मंदिर के पास पौशालाएं लगाई गई थीं, तभी से बड़े मंगल पर यहां मेला लगता है।
ऐसी भी है परंपरा-
ऐसी परंपरा है कि जो श्रद्धालु ज्येष्ठ माह में नए हनुमान मंदिर की स्थापना करते हैं वह अलीगंज के नए हनुमान मंदिर से श्रद्धालु वस्त्रों को ले जाते हैं। मंदिर के मुख्य पुजारी अजय शुक्ला ने बताया कि राजधानी ही नहीं कई जिलों से आए श्रद्धालु हनुमान का चोला, घंटा और गुड़ धनिया यहां से ले जाते हैं। मंदिर के पास मेला भी लगता है और श्रद्धालुओं की ओर से भंडारे का भी आयोजन किया जाता है। लेटे हुए हनुमान मंदिर पक्कापुल व दक्षिणमुखी हनुमान मंदिर पर भी पूजा-अर्चना होगी