लखनऊ, 2 अप्रैल (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के पश्चिमी आठ जिलों में होने वाले प्रथम चरण के चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपने प्रचार में पूरी ताकत झोंक दी है। जबकि विपक्ष का प्रचार काफी सुस्त है। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित अनेक बड़े नेता अपने प्रत्याशियों के पक्ष में जनसभाएं कर माहौल बनाने में लगे हैं।
लखनऊ, 2 अप्रैल (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के पश्चिमी आठ जिलों में होने वाले प्रथम चरण के चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपने प्रचार में पूरी ताकत झोंक दी है। जबकि विपक्ष का प्रचार काफी सुस्त है। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित अनेक बड़े नेता अपने प्रत्याशियों के पक्ष में जनसभाएं कर माहौल बनाने में लगे हैं।
भाजपा की ओर से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 28 मार्च को मेरठ में जनसभा करके अपने चुनावी प्रचार अभियान की विधिवत शुरुआत की थी। इसके बाद शाह लगातार पश्चिमी उप्र के प्रचार पर अपनी पैनी नजर रखे हुए हैं। उन्होंने भी 31 मार्च को बिजनौर और बागपत में सभाएं की हैं। मुख्यमंत्री योगी ने 24 मार्च को साहरनपुर शाकुंभरी देवी मंदिर से पूजा-अर्चना करके प्रचार अभियान की शुरुआत की थी। वह मथुरा की सांसद हेमा मालिनी के साथ भी एक जनसभा को संबोधित कर चुके हैं।
यही नहीं, प्रधानमंत्री मोदी पांच अप्रैल को उप्र के अमरोहा में एक जनसभा को संबोधित करेंगे। इसके अलावा वह अलीगढ़ और मथुरा के प्रत्याशियों के लिए जनसभाएं करने वाले हैं। वहीं योगी तीन अप्रैल को मेरठ और बागपत में चुनावी जनसभा को संबोधित करेंगे।
दूसरी ओर कांग्रेस और गठबंधन की ओर से अभी तक कोई बड़ा नेता चुनाव प्रचार में नहीं उतरा है। विपक्षी दलों की ओर से न तो कोई बड़ी चुनावी जनसभा ही हुई है। हालांकि गठबंधन की ओर से अप्रैल के प्रथम सप्ताह में ही सहारनपुर में एक चुनावी जनसभा होनी है।
कांग्रेस की ओर से बागपत और मुजफ्फरनगर में कोई उम्मीदवार नहीं है। सहारनपुर में आठ अप्रैल को एक जनसभा प्रस्तावित है। हालांकि पश्चिमी उप्र के कांग्रेस प्रभारी ज्योतिरादित्य सिंधिया अभी तक प्रचार करने नहीं पहुंचे हैं। कांग्रेस की ओर से बताया जा रहा है कि सिंधिया रोड शो और नुक्कड़ सभाएं करेंगे।
पश्चिमी उप्र की राजनीति के जानकार, रतनमणि लाल कहते हैं, “विपक्ष के चुनाव प्रचार में सुस्ती के चार कारण हैं। पहला, खाप पंचायतों के निर्णयों का इंतजार हो रहा है। यहां दो प्रकार की पंचायतें हैं। एक जाट-मुस्लिम और दूसरी हिन्दू व जाट। इनके निर्णय सत्तारूढ़ दल और विपक्ष दोनों के लिए महत्वपूर्ण हैं। विपक्ष को उसी का इंतजार है। दूसरा इस चुनाव में अजीत सिंह हर बार की तरह सक्रिय नहीं हैं। तीसरा सपा-बसपा ने चुनाव को कार्यकर्ताओं के भरोसे छोड़ रखा है। कांग्रेस जिस सीट पर मजबूत है। वहां पर प्रत्याशी उसका काम कर रहा है। मुरादाबाद में इमरान प्रतापगढ़ी और सहारनपुर में इमरान मसूद हाथ पैर मार रहे हैं।”
हालांकि कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता मुकेश चौहान इससे इंकार करते हैं। वह कहते हैं, “कांग्रेस पार्टी तेजी से प्रचार कार्य चला रही है। प्रदेश अध्यक्ष पश्चिमी उप्र के लगातार प्रवास पर हैं। जल्द ही राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी, पश्चिमी उप्र के प्रभारी जोतिरादित्य सिंधिया भी प्रचार करने पहुंचेंगे। बाकी कांग्रेस प्रत्याशी भी बहुत मजबूती से चुनाव लड़ रहे हैं।”
सपा प्रवक्ता राजपाल कश्यप का कहना है, “सपा का प्रचार बहुत तेज चल रहा। बूथ-बूथ पर कार्यकर्ता तैनात हैं। महागठबंधन के प्रति जनता में विश्वास भी है। बड़े नेताओं की ज्यादा जनसभाओं से कार्यकर्ता भी परेशान होता है। अभी कुछ जनसभाएं होनी हैं। बाकी प्रदेश संगठन भी लगातार प्रचार में सक्रिय और सशक्त भूमिका निर्वाह कर रहा है।”