पणजी, 14 जनवरी (आईएएनएस)। गोवा कांग्रेस ने बुधवार को कहा कि रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर के पास रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) प्रमुख की बर्खास्तगी का नैतिक अधिकार नहीं है, क्योंकि राज्य में अपने शासन काल के दौरान वह 30 सेवानिवृत अधिकारियों को सेवा विस्तार दे चुके हैं।
पणजी, 14 जनवरी (आईएएनएस)। गोवा कांग्रेस ने बुधवार को कहा कि रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर के पास रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) प्रमुख की बर्खास्तगी का नैतिक अधिकार नहीं है, क्योंकि राज्य में अपने शासन काल के दौरान वह 30 सेवानिवृत अधिकारियों को सेवा विस्तार दे चुके हैं।
गोवा के मुख्यमंत्री रहते हुए पर्रिकर ने राज्य सरकार के कम से कम 30 सेवानिवृत्त अधिकारियों तथा विभाग प्रमुखों को सेवा विस्तार दिया है। और इस प्रकार रक्षा मंत्री के रूप में उनके पास डीआरडीओ प्रमुख अविनाश चंदर की उम्र के आधार पर बर्खास्तगी का नैतिक अधिकार नहीं है।
कांग्रेस का यह बयान रक्षा मंत्रालय द्वारा चंदर की विवादित बर्खास्तगी के एक दिन बाद आया है, जबकि उनका अनुबंध नवंबर 2016 तक का था।
गोवा कांग्रेस के प्रवक्ता दुर्गादास कामत ने कहा, “गोवा के मुख्यमंत्री रहते हुए पर्रिकर ने कम से कम 30 अधिकारियों को सेवा विस्तार दिया। इससे साफ जाहिर होता है कि उम्र के आधार पर उन्हें बर्खास्त करने का वह नैतिक अधिकार नहीं रखते।”
मीडिया रपट के मुताबिक पर्रिकर ने कहा, “मैंने इसकी सिफारिश की थी। हम नहीं चाहते थे कि इतने वरिष्ठ पद पर कोई अनुबंध के जरिये रहे। योग्य व्यक्तियों की कमी नहीं है।”
कामत ने कहा, “डीआडीओ के नए प्रमुख की नियुक्ति को बेहद उत्सुकता के साथ देखा जाना चाहिए, क्योंकि कई दक्षिणपंथी नेताओं तथा भाजपा से निकटता रखने वाले वैज्ञानिक दावा कर रहे हैं कि भारत ने सात हजार साल पहले ही हवाईजहाज का आविष्कार कर लिया था और भगवान गणेश का उदाहरण यह सिद्ध करता है कि हजारों साल पहले भारत को प्लास्टिक सर्जरी में महारत हासिल थी।”
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।