सिडनी, 15 फरवरी (आईएएनएस)। वैज्ञानिकों का एक दल पृथ्वी पर पाए जाने वाले जनलेवा परजीवियों का पता लगाने के लिए उपग्रहों का इस्तेमाल करने की दिशा में काम कर रहा है और जल्द ही मलेरिया और परजीवियों के कारण होने वाले अन्य बीमारियों की पूर्व संभावना का पता लगाया जा सकेगा।
वैज्ञानिकों द्वारा भूटान, वनातू और सोलोमन द्वीप में मलेरिया पर किया गया प्रयोग सफल रहा और अब वे बड़े देशों में अपना प्रयोग करने के लिए मदद मांग रहे हैं।
इसके अलावा चीन, फिलीपींस और एशिया प्रशांत में स्थित अन्य देशों के लिए कृमि और फीताकृमि से होने वाली बीमारियों के संबंध में उपग्रह द्वारा पूर्व सूचना प्राप्त करने के लिए प्रणाली विकसित की जा रही है।
आस्ट्रेलिया के राष्ट्रीय विश्वविद्यालय में अध्यापनरत आर्ची क्लीमेंट्स के अनुसार, “कुछ बीमारियां अपने वातावरण के प्रति बेहद संवेदनशील होती हैं, खासकर परजीवी से फैलने वाली बीमारियां। रिमोट सेंसिंग के द्वारा ऐसी जगहों का पता लगाया जा सकता है, जहां ऐसी बीमारियां तेजी से पैर पसारती हैं।”
इसके लिए वैज्ञानिक उपग्रह से पृथ्वी पर किसी स्थान विशेष का तापमान, वर्षा के स्तर, वनस्पतियों एवं भूमि उपयोग के प्रकार जैसे आंकड़े इकट्ठे कर उनका स्वास्थ्य से संबंधिक आंकड़ों के साथ तुलनात्मक अध्ययन करेंगे।
इस परियोजना में अनेक क्षेत्र के वैज्ञानिक जैसे कीटविज्ञानी, महामारीविज्ञानी, सॉफ्टवेयर निर्माता, समाजविज्ञानी और स्वास्थ्य नीतियों के विशेषज्ञ शामिल हैं।
उल्लेखनीय है कि हर साल करोड़ों लोग परजीवी जनित रोग की चपेट में आते हैं, जिनमें अधिकांश लोग दुनिया के बेहद कम विकसित हिस्से से आते हैं।