भोपाल :कभी बाघविहीन हो चुके पन्ना टाईगर रिजर्व में आज सूर्य की स्वर्णिम रश्मियों के साथ एक नई भोर हुई। आज सुबह-सुबह पन्ना टाईगर रिजर्व में पेंच टाईगर रिजर्व से बाघिन टी-6 को सड़क मार्ग से सफलतापूर्वक लाने के साथ ही पन्ना में बाघ पुनस्थापना का द्वितीय चरण शुरू हुआ। पन्ना में 2009 से आरंभ हुए बाघ पुनस्थापना के प्रथम चरण की अप्रत्याशित सफलता के बाद आज यहाँ 23 बाघ है, जिनमें से अधिकांश नर हैं। पन्ना में नर बाघ की संख्या अधिक होने से लिंगानुपात असंतुलित हो गया है। इसके कारण यहाँ अन्य टाईगर रिजर्व से दो बाघिन लाने का निर्णय लिया गया।
वन मंत्री डॉ. गौरीशंकर शेजवार ने बताया कि टी-6 की शिफ्टिंग के लिये पेंच टाईगर रिजर्व प्रबंधन पिछले 20 दिन से तैयारी कर रहा था। पेंच प्रबंधन ने कल 21 जनवरी 2014 को टी-6 बाघिन को सफल तरीके से बेहोश कर, रेडियो कॉलर पहनाकर सम्पूर्ण ऐहतियात के साथ सड़क मार्ग से पन्ना के लिये रवाना किया। बाघिन टी-6 सुबह 7 बजे पन्ना टाईगर रिजर्व पहुँची जहाँ उसे साढ़े आठ बजे स्वच्छंद विचरण के लिये सफलतापूर्वक मुक्त कर दिया गया। टी-6 की उम्र लगभग 3 वर्ष है।
पन्ना टाईगर रिजर्व ने बाघिन टी-6 के लिये पेंच टाईगर रिजर्व का आभार प्रकट किया है। टी-6 के आगमन के समय कलेक्टर पन्ना श्री मुकेश चन्द्र गुप्ता सहित सम्पूर्ण पार्क प्रबंधन उपस्थित था। उल्लेखनीय है कि बाघ शून्य हो जाने के बाद पन्ना में चार वर्ष पूर्व बाघ पुनस्थापना के प्रथम चरण में दूसरे टाईगर रिजर्व से एक नर और चार मादा बाघ अन्य क्षेत्रों से लाकर छोड़े गये थे। चार बाघिन में से अभी तक बाघिन टी-1 दो बार एवं टी-2 और टी-4 तीन-तीन बार शावक को जन्म दे चुकी हैं। टी-1 के प्रथम लिटर के दो नर बाघ ने अपना क्षेत्र भी स्थापित कर लिया है। अब पार्क में जन्मे बाघों में नर बाघों की संख्या अधिक हो गई है।