देहरादून, 14 अप्रैल (आईएएनएस)। उत्तराखंड सरकार ने पन बिजली परियोजनाओं के लिए पर्यावरण मंजूरी में समानता की मांग की है। साथ ही उसने सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष दृढ़ता और स्पष्ट रूप से अपना मत रखा है। यह बातें मंगलवार को राज्य के मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कही।
बीजापुर में संवाददाताओं से बातचीत में उन्होंने कहा कि नियमों के दो समुच्चय नहीं हो सकते। एक नियमावली उत्तराखंड सरकार के लिए और दूसरी अन्य पहाड़ी राज्यों जैसे हिमाचल प्रदेश और जम्मू एवं कश्मीर के लिए।
उन्होंने कहा, “उत्तराखंड में इन पनबिजली परियोजनाओं पर लोगों ने बहुत हंगामा किया है।”
मुख्यमंत्री ने कुछ पर्यावरणवादियों पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, “उन्होंने उत्तराखंड को पर्यावरण संरक्षण की परीक्षण भूमि बना दी है।”
उन्होंने कहा कि राज्य के लोग राज्य के पर्यावरण संरक्षण और उसकी रक्षा के लिए पर्याप्त रूप से जिम्मेदार हैं।
चार धाम यात्रा के भाग्य के संबंध में एक सवाल पर हरीश रावत ने कहा कि जिस दिन तीर्थ स्थलों के कपाट खुलेंगे, यात्रा शुरू हो जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा, “कठिनाइयां हैं, और सात-आठ फुट बर्फ में क्षेत्र में मार्ग बहाली के लिए काम कर रहे लोगों के लिए यह वास्तव में मुश्किल भरा है। हमने वैकल्पिक योजनाएं बनाई हैं और उम्मीद है कि वार्षिक तीर्थ यात्रा समय पर शुरू हो।”