नई दिल्ली, 25 जनवरी (आईएएनएस)। भारतीय पुरुष हॉकी टीम के कप्तान पी. आर. श्रीजेश और भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली सहित रियो ओलम्पिक और पैरालम्पिक में देश को पदक दिलाने वाले कुछ खिलाड़ियों को देश के प्रतिष्ठित नागरिक सम्मान पद्मश्री से सम्मानित किया जाएगा।
इस वर्ष पद्मश्री के लिए चुने गए खिलाड़ियों में रियो ओलम्पिक कांस्य पदक विजेता महिला पहलवान साक्षी मलिक, पैरालम्पिक में स्वर्ण पदक जीतने वाले मरियप्पन थंगावेलू और दीपा मलिक भी शामिल हैं।
इनके अलावा देश के अग्रणी एथलीट विकास गौड़ा और ओलम्पिक में पहली बार जिम्नास्टिक्स में प्रवेश हासिल करने वाली महिला जिमनास्ट दीपा करमाकर और विश्व कप विजेता भारतीय दृष्टिबाधित क्रिकेट टीम के कप्तान शेखर नाइक को भी पद्मश्री से सम्मानित किया जाएगा।
श्रीजेश ने देश के प्रतिष्ठित नागरिक सम्मान के लिए चुने जाने पर खुशी जताते हुए कहा कि वह इस सम्मान को अपनी टीम को समर्पित करना चाहते हैं।
दुनिया के सबसे बेहतरीन गोलकीपर में शुमार श्रीजेश ने कहा, “मैं यह पुरस्कार अपनी टीम को समर्पित करना चाहता हूं। मैं और मेरी टीम ने साथ-साथ ही विकास किया और सफलता का आनंद भी साथ ही लिया। टीम के काम के बगैर मुझे यह पुरस्कार मिल पाना संभव नहीं था।”
2006 में राष्ट्रीय टीम के लिए पदार्पण करने वाले श्रीजेश की कप्तानी में पिछले साल लंदन में हुए चैम्पियंस ट्रॉफी में भारतीय टीम ने पहली बार रजत पदक जीता। इसके बाद उनके नेतृत्व में टीम ने पाकिस्तान के खिलाफ फाइनल मुकाबले में जीत हासिल कर एशियन चैम्पियंस ट्रॉफी का खिताब भी अपने नाम किया।
अंतर्राष्ट्रीय हॉकी महासंघ (एफआईएच) द्वारा श्रीजेश को साल के सर्वश्रेष्ठ गोलकीपर के लिए भी नामांकित किया गया है।
वहीं नवनियुक्त कप्तान कोहली के नेतृत्व में भारतीय क्रिकेट टीम ने न्यूजीलैंड, वेस्टइंडीज और इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट श्रृंखला जीतकर विश्व रैंकिंग में शीर्ष स्थान हासिल किया।
दृष्टिबाधित क्रिकेट टीम के कप्तान शेखर की अगुवाई में 2012 में भारतीय टीम ने पहली बार टी-20 विश्व कप खिताब और 2014 में एकदिवसीय विश्व कप खिताब अपने नाम किया।
रियो ओलम्पिक में भारत के लिए साक्षी और बैडमिंटन खिलाड़ी पी. वी. सिंधु ने पदक जीते थे, वहीं दीपा पदक जीतने से मामूली अंतर से चूकीं। हालांकि दीपा के प्रदर्शन की पूरी दुनिया ने सराहना की।
रियो पैरालम्पिक खेलों में ऊंची कूद में थंगावेलु ने पहली बार देश को स्वर्ण पदक दिलाया और मुरलीकांत पेटकर और देवेंद्र झाझरिया के बाद पैरालम्पिक में स्वर्ण पदक जीतने वाले तीसरे भारतीय बने। कमर से नीचे पूरी तरह अपंग दीपा मलिक ने पैरालम्पिक खेलों की गोला फेंक स्पर्धा में रजत पदक जीता और पैरालम्पिक में देश को पदक दिलाने वाली पहली महिला बनीं।
पद्मश्री मिलने की खबर पर दीपा मलिक ने ट्वीट किया, “मुझे इस सम्मान के लायक समझने के लिए भारत का शुक्रिया। मेरे देश ने मुझे इसके लिए सशक्त किया।”
देश के अग्रणी एथलीट विकास राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाले दूसरे भारतीय एथलीट हैं।