Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/load.php on line 926

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826
 पदोन्नति में आरक्षण : कर्मचारी संगठन सर्वोच्च न्यायालय में केविएट दाखिल करेंगे | dharmpath.com

Monday , 25 November 2024

ब्रेकिंग न्यूज़
Home » भारत » पदोन्नति में आरक्षण : कर्मचारी संगठन सर्वोच्च न्यायालय में केविएट दाखिल करेंगे

पदोन्नति में आरक्षण : कर्मचारी संगठन सर्वोच्च न्यायालय में केविएट दाखिल करेंगे

May 1, 2016 4:00 pm by: Category: भारत Comments Off on पदोन्नति में आरक्षण : कर्मचारी संगठन सर्वोच्च न्यायालय में केविएट दाखिल करेंगे A+ / A-

download (4)जबलपुर, 1 मई (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा शनिवार को दिए गए एक महत्वपूर्ण फैसले में पदोन्नति में आरक्षण को अवैध करार दे दिया गया है। कर्मचारी संगठनों ने इस फैसले का स्वागत किया है और सर्वोच्च न्यायालय में केवियट दाखिल करने की घोषणा की है।

मध्य प्रदेश अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के महामंत्री अरुण द्विवेदी एवं तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के प्रांतीय प्रमुख महामंत्री लक्ष्मीनारायण शर्मा ने उच्च न्यायालय, जबलपुर द्वारा दिए गए इस फैसले का स्वागत किया है।

शर्मा ने रविवार को आईएएनएस से कहा कि इस फैसले के संबंध में सर्वोच्च न्यायालय में केविएट दाखिल की जाएगी, ताकि राज्य सरकार की ओर से फैसले के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में अपील करने पर उनके (कर्मचारियों) पक्ष को भी सुना जाए।

शर्मा ने कहा कि अगले तीन दिनों में कर्मचारियों की बैठक बुलाई जाएगी और बैठक में आगे के कदम पर विचार-विमर्श किया जाएगा और केविएट दाखिल करने के संबंध में निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि केविएट दाखिल करने के लिए सर्वोच्च न्यायालय में सरकार की अपील का इंतजार नहीं किया जाएगा।

उन्होंने शासन से मांग की है कि जिस प्रकार उत्तर प्रदेश सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय का पालन करते हुए समानता के आधार पर पदोन्नति की प्रक्रिया को अपनाया है, उसी प्रकार की प्रक्रिया मध्य प्रदेश सरकार को भी अपनाना चाहिए।

उल्लेखनीय है कि उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश, न्यायमूर्ति अजय मानिकराव खानविलकर और न्यायमूर्ति संजय यादव की खंडपीठ ने पदोन्नति में आरक्षण के विरुद्घ दाखिल याचिका पर शनिवार को फैसला सुनाया, जिसमें लोकसेवा पदोन्नति नियम, 2002 को अवैधानिक घोषित किया गया है। इस नियम से आरक्षित वर्ग को पदोन्नति का लाभ मिलता था। लिहाजा इस फैसले से इन कर्मचारियों की पदोन्नति प्रभावित होगी।

उच्च न्यायालय, जबलपुर की पीठ ने सर्वोच्च न्यायालय के पांच न्यायाधीशों की पीठ द्वारा वर्ष 2006 में सुनाए गए एम. नागराज, सूरजभान मीणा और उत्तर प्रदेश विद्युत निगम का हवाला देते हुए फैसला सुनाया है। सर्वोच्च न्यायालय ने अपने फैसले में पदोन्नति में आरक्षण को अनुचित माना था। साथ ही नियुक्ति में आरक्षण का लाभ दिए जाने को सही ठहराया था।

शासकीय कर्मचारी बी. के. राय और अन्य की ओर से दायर 20 याचिकाओं में कहा गया था कि “सिविल सर्विस नियम-2002 की वजह से आरक्षित वर्ग अनुसूचित जाति व जनजाति के लोकसेवक आरक्षण के लाभ के चलते पदोन्नत हो जाते हैं, जो सामान्य वर्ग के लोकसेवकों से कम योग्य होते हैं। इससे कनिष्ठ और वरिष्ठ के बीच खाई चौड़ी होती जाती है और योग्यताएं कुंठित होती हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि राज्य में पदोन्नति में भी आरक्षण का लाभ मिलता है।”

पदोन्नति में आरक्षण : कर्मचारी संगठन सर्वोच्च न्यायालय में केविएट दाखिल करेंगे Reviewed by on . जबलपुर, 1 मई (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा शनिवार को दिए गए एक महत्वपूर्ण फैसले में पदोन्नति में आरक्षण को अवैध करार दे दिया गया है। कर्मचारी संगठ जबलपुर, 1 मई (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा शनिवार को दिए गए एक महत्वपूर्ण फैसले में पदोन्नति में आरक्षण को अवैध करार दे दिया गया है। कर्मचारी संगठ Rating: 0
scroll to top