संत गुरूशरण उर्फ पंडोखर सरकार ने मंगलवार को दतिया जिले के पंडोखर धाम में गुपचुप ढंग से कानपुर की एक युवती से दूसरी शादी रचा ली।गुरूशरण का पहला विवाह उत्तरप्रदेश के जालौन की रहने वाली रामजानकी के साथ हुआ है। गुरूशरण ने भोपाल में भी एक मकान खरीदकर यहां भी कई दरबार लगाये। पहले तो उनके दरबार में परेशान लोगों की भीड़ रहती थी लेकिन बाद में जैसे-जैसे गुरूशरण का असली चेहरा जनता के सामने आता गया उनके दरबार में भीड़ भी छटने लगी। खबर है कि पहली पत्नी रामजानकी ने पारिवारिक कारणों से भोपाल में आत्महत्या करने का प्रयास किया था। लेकिन उन्हें बचा लिया गया। इसके अलावा कुछ दिनों पहले सागर में एक युवती ने थाने में शिकायत दर्ज कराई थी कि पंडोखर सरकार उर्फ गुरूशरण ने जबरन उसका चुम्बन लिया है। पंडोखर गांव में हनुमानजी का प्राचीन मंदिर है इस मंदिर के प्रति लंबे समय से लोगों में श्रद्धा और आस्था है. पंडोखर के गुरूशरण ने स्वयं को पंडोखर के हनुमानजी का भक्त बताते हुए खुद को पंडोखर सरकार के नाम से प्रचारित करना शुरू कर दिया।
पिछले चार-पांच साल में गुरूशरण अपने भक्तों की संख्या तेजी से बढ़ाई और उन्हें दतिया के पंडोखर गांव बुलाकर उनसे लाखों-करोड़ों रुपए दान लिए हैं। देखते ही देखते गुरूशरण का पहनावा और रहन-सहन सब बदल गया। दोपहर में पंडोखर धाम में अचानक चहल-पहल देखकर पता लगाया तो मालूम हुआ कि गुरूशरण कानपुर की रहने वाली आत्माराम भारद्वाज की बेटी सुप्रिया भारद्वाज के साथ दूसरा विवाह रचा रहा है। गांव के लोगों ने ही दतिया में मीडिया वालों को फोन कर दिए और कुछ देर में जैसे ही पत्रकारों की टीम पंडोखर पहुंची तो वहां भगदड़ मच गई। गुरूशरण दौड़कर स्वयं को एक कमरे में छिपा लिया। पत्रकारों के दबाव के बाद पहले उसने अपनी होने वाली पत्नी को वहां से अज्ञात स्थान पर भेज दिया और फिर मीडिया के सामने आया।मीडिया से बातचीत में गुरूशरण ने दावा किया कि यह विवाह मैं पहली पत्नी की सहमति से कर रहा हूं। टीवी के कैमरों के सामने गुरूशरण ने महिला की तुलना खेत से करते हुए कहा कि किसी खेत में बार-बार बीज डालने के बाद भी यदि फसल नहीं उगती तो किसान को भूमि बदल कर बीज डालना पड़ता है। उसने अत्यंत बेशर्मी से कहा कि मेरी पहली पत्नी बंजर है और सपने में स्वयं हनुमानजी ने मुझसे कहा कि अपना वंश आगे बढ़ाने के लिए वह दूसरा विवाह कर ले। पत्रकारों के इस सवाल का गुरूशरण के पास कोई जवाब नहीं था कि विवाह होने के बाद भी पहली पत्नी से बच्चा न होने पर क्या उन्होंने दोनों का मेडिकल चेकअप कराया कि कमी किसमे है। गुरूशरण लगातार बोलता रहा कि भारतीय धर्म ग्रंथों में संतान उत्पत्ति के लिए दूसरा विवाह जायज है। पहली पत्नी के रहते हुए कानूनन रूप से दूसरा विवाह नहीं किया जा सकता, इस संबंध में गुरूशरण का कहना था कि मैं कानून को नहीं धर्म ग्रंथों को मानता हूं।
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