नई दिल्ली, 22 जनवरी (आईएएनएस)। पंजाब के पठानकोट में तीन अज्ञात लोगों द्वारा एक टैक्सी चालक को कथित रूप से बंधक बनाने और बाद में हिमाचल प्रदेश में उसके मृत मिलने के बाद दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को अलर्ट जारी किया है।
अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर दिल्ली पुलिस ने तीन संदिग्ध लोगों का फोटोग्राफ जारी किया है और उस मारुति कार विवरण भी जारी किया है। हिमाचल प्रदेश में पंजीकृत इस कार का नंबर एचपी01डी2440 है। इसे 20 जनवरी को किराए पर लिया गया था। बाद में टैक्सी चालक का शव कांगड़ा जिले में एक पुल पर पड़ा मिला। जांच एजेंसियों का कहना है कि यह टैक्सी एक ट्रैवल एजेंसी के नाम पर पंजीकृत है और अभी तक इसकी कोई खोज-खबर नहीं मिली है।
सुरक्षा एजेंसियां इस मामले को पठानकोट वायुसैनिक अड्डे पर किए गए हमले से जोड़ कर देख रहीं हैं। इसी तरीके से जैश ए मोहम्मद के आतंकवादियों ने टैक्सी ड्राईवर इकागर सिंह से किराए पर टैक्सी ली थी। लेकिन बाद में उसे मार कर फेंक दिया था।
पुलिस उपायुक्त राजन भगत ने आईएएनएस को बताया, “लोगों को डरने की जरूरत नहीं है क्यों कि सुरक्षा एजेंसियां और दिल्ली पुलिस अपनी पूरी कोशिश कर रही है। यह संदेश सिर्फ लोगों को अलर्ट करने के लिए है। अगर कोई संदिग्ध गतिविधि कहीं मिलती है तो लोग तुरंत पुलिस कंट्रोल रूम को सूचित करें।”
दिल्ली पुलिस ने यह अलर्ट गणतंत्र दिवस से एक हफ्ते पहले जारी किया है, जिसमें मुख्य अतिथि के तौर पर फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद आ रहे हैं।
दिल्ली पुलिस ने एक हफ्ता पहले से ही इंडिया गेट और राजपथ पर वाहनों और पर्यटकों के जाने पर रोक लगा दी है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, “समूचे राजधानी की सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। हम किसी को भी इंडिया गेट के नजदीक जाने नहीं दे रहे हैं। यहां तक लोगों को इंडिया गेट के आसपास के सड़कों पर भी जाने की इजाजत नहीं है। “
अघिकारी ने बताया कि इसके अलावा भीड़भाड़ वाले जगहों, माल्स, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड आदि जगहों पर भी सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए हैं।
दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को कहा था कि आईएस के 4 संदिग्ध आतंकवादी उत्तराखंड में हैं और वे गणतंत्र दिवस के दिन दिल्ली में हरिद्वार में चल रहे अद्धकुंभ में हमले की योजना बना रहे हैं।
वहीं, केंद्रीय खुफिया एजेंसियों ने कहा है कि ये चार संदिग्ध आतंकवादी कई महीनों से उनकी नजर में हैं। उनकी ऑनलाइन गतिविधियों से उन पर संदेह पैदा हुआ। वे आईएस के नियंत्रण वाले इराक और सीरिया के इलाके के लोगों के संपर्क में हैं।