पटना, 5 सितंबर (आईएएनएस)। राजधानी पटना समेत पूरे बिहार में शनिवार को कृष्ण जन्माष्टमी को लेकर मंदिरों व गांव-मुहल्लों में तैयारी अंतिम चरण में है। भादो कृष्ण पक्ष की अष्टमी की मध्यरात्रि में लड्डू गोपाल के ‘जन्म’ के बाद कहीं चांदी के कलशों में रखे जलों से अभिषेक करने की तैयारी है तो कहीं अखंड कीर्तन और झांकियां निकालने की तैयारी हो रही है।
पटना, 5 सितंबर (आईएएनएस)। राजधानी पटना समेत पूरे बिहार में शनिवार को कृष्ण जन्माष्टमी को लेकर मंदिरों व गांव-मुहल्लों में तैयारी अंतिम चरण में है। भादो कृष्ण पक्ष की अष्टमी की मध्यरात्रि में लड्डू गोपाल के ‘जन्म’ के बाद कहीं चांदी के कलशों में रखे जलों से अभिषेक करने की तैयारी है तो कहीं अखंड कीर्तन और झांकियां निकालने की तैयारी हो रही है।
कृष्णाष्टमी को लेकर बाजारों में रौनक है तो नन्हे गोपाल के श्रृंगार व पूजा के लिए श्रद्धालु जमकर खरीदारी भी कर रहे हैं।
पटना स्थित अंतर्राष्ट्रीय श्रीकृष्णभावनामृत संघ (इस्कॉन) मंदिर में इस वर्ष कृष्णाष्टमी को लेकर खास तैयारी की जा रही है। गोपाल के जन्म के बाद एक ही तरह के 108 चांदी कलश से महाभिषेक और एक हजार नदियों के जल से भगवान का अभिषेक कराया जाएगा।
इस्कॉन के प्रवक्ता नंद गोपाल दास ने आईएएनएस को बताया कि जन्माष्टमी का पर्व हमारे लिए किसी जश्न से कम नहीं होता। उन्होंने बताया कि श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव पर लोगों के मनोरंजन के लिए ‘ब्रजरस’ नाम से एक कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा, जिसमें मथुरा से आईं 20 सखियां एक साथ प्रस्तृति देंगी। इसमें कृष्ण और राधा के प्रेम-लीला के अलावा कृष्ण के लालन-पालन के भावों को भी दिखाया जाएगा।
यह कार्यक्रम पटना के श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में होगा। हॉल को फूलों से आकर्षक तरीके से सजाया गया है।
पटना के श्री दादी सेवा समिति द्वारा दादी जी मंदिर में कृष्णाष्टमी के मौके पर मटका फोड़ प्रतियोगिता और झांकी का आयोजन किया गया है। आर्य कुमार रोड स्थित महाराणा प्रताप भवन में भी पूजा की भव्य तैयारी की गई है। इन स्थानों पर श्रद्धालु भक्तों द्वारा भजन-कीर्तन और कई उत्कृष्ट आध्यात्मिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाएंगे।
पटना के राम-जानकी चौराहा स्थित राधा-कृष्ण और जगन्नाथ मंदिर में भी जन्मोत्सव की पूरी तैयारी कर ली गई है। शक्तिधाम मंदिर को भी आकर्षक ढंग से सजाया गया है तथा झांकियों की तैयारी अंतिम चरण में है। प्रसिद्ध महावीर मंदिर में भी जन्मोत्सव को लेकर तैयारी की जा रही है।
मंदिरों के साथ-साथ बाजारों में भी कृष्णाष्टमी को लेकर बिक्री तेज है। बाजारों में कान्हा के छोटे-छोटे वस्त्र, झूले और गहने खास हैं। कान्हा के लिए सार्टन और वॉल्वेट पर रंग-बिरंगे छोटे-छोटे कपड़े ग्राहकों को खासे लुभा रहे हैं। ये कपड़े बाजार में 50 रुपये से लेकर 120 रुपये तक में बिक रहे हैं।
नन्हे कान्हा को झूले पर झुलाने की चाहत में श्रद्धालु जमकर झूले की खरीदारी कर रहे हैं। बाजार में लकड़ी, पाइप और चांदी के झूले उपलब्ध हैं। चांदी के झूलों पर पीतल के कान्हा को देखकर श्रद्धालु इसे खरीदने का मोह नहीं छोड़ पा रहे हैं।
कान्हा के गहने भी बाजारों में रौनक बढ़ाए हुए है। बोरिंग रोड स्थित पूजा भंडार दुकान में कान्हा के हाथ-पैर के चूड़े और बेरे से लेकर मुकुट तक सभी गहने एक सेट में उपलब्ध हैं। इस सेट में कान्हा के छोटे कपड़े भी हैं।
दुकानदार मोहित कुमार बताते हैं कि कान के कुंडल और बांसुरी की कई वेरायटी भी लोगों को खूब पसंद आ रहे हैं। इसके अलावा गले के लिए छोटे-छोटे नग वाली हार और चूड़े अलग से भी उपलब्ध हैं।
पंडित श्रीपति त्रिपाठी कहते हैं कि इस वर्ष अष्टमी तिथि व रोहिणी नक्षत्र दोनों योग शनिवार को मिल रहे हैं। शनिवार को भाद्रपद कृष्ण सप्तमी 8़ 52 बजे सुबह समाप्त हो गई है। इसके बाद अष्टमी तिथि शुरू हो गई है जो रविवार को सुबह 7़ 27 तक रहेगी।
उन्होंने बताया कि भगवान कृष्ण का जन्म अष्टमी तिथि की मध्यरात्रि को रोहिणी नक्षत्र में हुआ था। कृष्णाष्टमी व्रत करना फलदायक माना जाता है। इस दिन भक्त रात-दिन उपवास रखकर भगवान श्रीकृष्ण, यशोदा, और वसुदेव की पूजा करते हैं।