नई दिल्ली, 5 मार्च (आईएएनएस)। यौन प्रताड़ना का आरोप झेल रहे टेरी के कार्यकारी उपाध्यक्ष आर.के. पचौरी के खिलाफ अदालत में दाखिल आरोपपत्र से खुलासा हुआ है कि उन्होंने आरोप लगाने वाली महिला सहयोगी तक अपनी भावनाएं पहुंचाने के लिए छह कविताएं लिखी थीं।
जानकार सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली पुलिस ने आरोपपत्र में लिखा है कि पचौरी ने अपनी उस सहयोगी को ‘ठंडी’ और जवाब नहीं देनेवाली कहा है। पचौरी ने उसके साथ यौन परक बातें कीं, जिसके कई टेलीफान कॉल, ईमेल और व्हाट्स अप मैसेज के रूप में सबूत हैं।
1 मार्च को दक्षिण दिल्ली के साकेत कोर्ट में दंडाधिकारी के समक्ष यह आरोपपत्र दाखिल किया गया और 23 अप्रैल को इस मामले की सुनवाई का दिन रखा गया है।
आरोपपत्र में कहा गया है कि पचौली ने पीड़िता को ‘क्लासिक भारतीय सौंदर्य की प्रतिमूर्ति’ बताते हुए कई संदेशों में छह कविताएं लिखकर भेजी थीं, लेकिन पीड़िता ने हर बार उन्हें अपनी भावनाओं को काबू में रखने को कहा और लिखा कि वह ऐसे संदेश ना भेजें।
पचौरी ने लिखा, “अभी भी इस गरीब आदमी के दिल में उसके लिए प्यार लगातार बढ़ रहा है, लेकिन वह मुझे प्यार नहीं करती। मैं एक ऐसा जहाज हूं जिसे वह छोड़ देती है। वह बेहद ठंडी है। एकतरफा प्यार में मेरी बांहें खाली रह जाती हैं।”
पीड़िता ने हमेशा इन संदेशों को नजरअंदाज करने या उसे रोकने की कोशिश की, लेकिन पचौरी लगातार उसे संदेश भेजते रहे।
पीड़िता ने अपने बयान में दंडाधिकारी के सामने कहा कि उसने पचौरी से बार-बार बोला कि उसके मन में उनके लिए ऐसी भावनाएं नहीं हैं, लेकिन पचौरी बार-बार उसे कविताएं भेजते रहे और अपनी इस भावना को वह प्यार का नाम देते थे।
एक अन्य ईमेल में पचौरी ने लिखा है, “तुम हमेशा मेरा दिल तोड़ देती हो। तुम मुझे कभी अपना शरीर छूने नहीं देती हो, जबकि मैंने हमेशा तुम्हारे जिस्म को श्रद्धा के साथ पवित्र माना है।”
पचौरी ने आगे लिखा, “हालांकि तुम मुझसे शारीरिक संबंध बनाकर इसका फायदा उठा सकती हो। लेकिन मैं तुम्हारे जिस्म की पूजा करता हूं। मैं एक कामुकतापूर्ण व्यक्ति नहीं हूं और जब मैं तुमसे इतना गहरा प्यार करता हूं (तुम्हारे ठंडेपन के बावजूद)। तो मुझे किसी और के साथ संबंध बनाने की क्या जरूरत है?”
सूत्रों के मुताबिक, पुलिस ने अपने आरोपपत्र में लिखा है कि पीड़िता की मर्जी के खिलाफ पचौरी ने उसे गले लगाया, चुंबन लिया और उसके हाथों को थामा।
पचौरी ने लिखा है, “यहां तक कि जब मैंने तुम्हारे शरीर को जकड़ा तो मेरा बायां हाथ तुम्हारे दाएं स्तन के ऊपर था। लेकिन क्या मैंने उसे पकड़ने या दबाने का हल्का सा भी प्रयास किया?”
कुछ संदेशों में पचौरी ने पीड़िता को ‘डियरेस्ट मेरी जान’ से संबोधित किया है।
वहीं, पीड़िता ने 12 दिसंबर 2013 को पचौरी को भेजे जबावी संदेश में लिखा है, “मैं कोई बेवकूफ नहीं हूं जो इस धरती पर हाल में ही आई हो। मुझे अच्छी तरह पता है कि प्यार क्या है। अगर मैं अपनी भावनाएं जाहिर नहीं करती तो इसका मतलब यह नहीं है कि मैं भावनाशून्य हूं। इसलिए मुझे दोषी महसूस कराने की बजाय आप इस बात को समझें कि दो लोग जो प्रेमी जोड़े नहीं हों, उनके बीच स्वस्थ संबंध क्या होता है।”
पुलिस ने अभियोजन पक्ष के 23 गवाहों का हवाला दिया है। साथ ही ईमेल और एसएमएस की भी विस्तृत जानकारी पेश की है। हालांकि महिला के नाम को गोपनीय रखने की जरूरत थी, लेकिन आरोपपत्र में पुलिस ने कई बार महिला के नाम का उल्लेख किया है। यहां तक कि पचौरी द्वारा भेजे गए संदेशों संबंधी दस्तावेजों में भी कई जगह उसके नाम का उल्लेख है।
टेरी के तत्कालीन निदेशक पचौरी के खिलाफ नबंवर, 2015 में पीड़िता ने मामला दर्ज करवाया था। उसके बाद इस वर्ष 8 फरवरी को टेरी ने पचौरी को कार्यकारी उपाध्यक्ष के पद पर पदोन्नित दे दी। लेकिन इसकी चारो तरफ आलोचना होने के बाद संस्थान ने उन्हें अनिश्चितकालीन छुट्टी पर भेज दिया है।