प्रतापगढ़ । जिले के बलीपुर गांव में शहीद हुए डीएसपी जिया उल हक की पत्नी परवीन आजाद रविवार को कुंडा पहुंची। उन्होंने मीडिया के सामने कहा कि अब तक की सीबीआइ जांच संतोषजनक है, लेकिन न्याय न मिला तो वे अनशन करेंगी। साथ ही उन पुलिसकर्मियों पर देशद्रोह का मामला दर्ज कराने की मांग की जो डीएसपी को उग्र ग्रामीणों के बीच छोड़कर भाग गए थे।घटना के 29 दिन बाद कुंडा पहुंची परवीन ने पूर्व मंत्री राजा भैया के मामले पर उठे सवाल पर सब कुछ सीबीआइ पर छोड़ दिया। डीएसपी आवास पर रविवार सुबह परवीन ने परिजनों के साथ पति के सामानों को समेटा। पत्रकारों के समक्ष उन्होंने कहा, ‘सीबीआइ की जांच पर नजर है। अभी तक की जांच से संतुष्ट हूं। हां, अगर न्याय नहीं मिला तो फिर मैं बैठने वाली नहीं हूं। इंसाफ यात्रा निकालूंगी और इसके बाद भी कुछ नहीं हुआ तो अनशन करूंगी।’ परवीन ने कहा कि भगोड़े पुलिसकर्मियों के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज होना चाहिए। अगर ऐसा कोई कानून नहीं है तो बनाया जाना चाहिए। जब सरहद पर भागने वाले सैनिकों पर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किया जाता है तो भगोड़े पुलिसकर्मियों पर क्यों नहीं। मालूम हो कि गत दिनों कुंडा क्षेत्र के बलीपुर गांव में प्रधान की हत्या के बाद भड़की हिंसा में डीएसपी जिया उल हक व प्रधान के भाई की हत्या कर दी गई थी। मामले में उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री रहे राजा भैया भी नामजद हैं।
हथिगवां क्षेत्र के बलीपुर में हुई सीओ जियाउल हक की हत्या की जांच को उनकी व्यक्तिगत डायरी नई दिशा दे सकती है। सीबीआइ ने उनके कुंडा स्थित सरकारी आवास से दो डायरी व एक नोट पैड कब्जे में ले लिया है। इसके जरिए कुछ नए राज खुलने की संभावना है।
रविवार को जिया की पत्नी परवीन आजाद ने कुंडा में सीबीआइ टीम से दस मिनट बातचीत की। उनकी बातों में डायरी की चर्चा मुख्य रूप से शामिल रही। कहा गया कि जियाउल अपने दिन भर की दिनचर्या शाम को बैठकर एकांत में अपनी दो डायरी में लिखते थे। एक उनके वाहन में तो दूसरी घर में रहती थी। घटना के बाद सीबीआइ टीम ने आफिस वाली डायरी कब्जे में ले ली थी। दूसरी डायरी रविवार को परवीन के आने के बाद कमरे का ताला तोड़कर सीबीआइ टीम ने कब्जे में ले ली। बंद कमरे में डायरी का अवलोकन किया और परवीन से बातचीत भी की।
सूत्रों की मानें तो जिया की पर्सनल डायरी में ऐसे कई राज हैं जो डीएसपी हत्याकांड की जांच को आसान कर देंगे। सीबीआइ ने परवीन आजाद से कई सवाल भी किए। मसलन जब वे कुंडा आती थीं तो डीएसपी जियाउल हक किस-किस व्यक्ति की चर्चा करते थे। कभी ऐसा भी हुआ है कि उनके रहते कोई मिलने आया हो, डीएसपी किन बातों को लेकर परेशान रहते थे। इन सवालों के जवाब में परवीन ने कहा कि कुंडा से जुड़ी सारी बातें इस डायरी में लिखी हैं जो सभी तथ्यों को खोलकर सामने रख देंगी। किससे उनको खतरा था और कौन-कौन उनसे मिलने आते थे, यह सब बातें डायरी में लिखी हैं।