नारायण घाट (नेपाल), 1 मई (आईएएनएस)। नेपाल के भूकंप पीड़ित आपदा के समय फौरी राहत पहुंचाने पर भारत के अहसानमंद हैं। उन्होंने भारत को ‘जीवन रक्षक’ बताया है।
नारायण घाट (नेपाल), 1 मई (आईएएनएस)। नेपाल के भूकंप पीड़ित आपदा के समय फौरी राहत पहुंचाने पर भारत के अहसानमंद हैं। उन्होंने भारत को ‘जीवन रक्षक’ बताया है।
नेपाल में पिछले शनिवार को आए भूकंप के प्रकोप से लोगों को बचाने के लिए भारत ने तुरंत कार्रवाई करते हुए व्यापक राहत एवं बचाव अभियान चलाया। इस तबाही में 6,000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।
पोखरा जाते समय बुटवल में बस स्टैंड पर आईएएनएस संवाददाता जब रुके तो उन्होंने पास बैठे नेपाली वृद्धों के एक समूह को आपस में बात करते सुना। वे कह रहे थे, “यह तो भारत की सरकार है जो हमें बचाने के लिए आई और दुख की बात तो यह है कि हमारी स्वयं की सरकार नहीं आई।”
भूकंप का दर्द और पिछले एक हफ्ते में नेपाल को हुई परेशानियों के निशान उनके र्झुीदार चेहरे से साफ दिख रहे थे।
कुछ सालों पहले तक काठमांडू में एक मिस्त्री के तौर पर काम करने वाले अग्रसेन ने आईएएनएस से कहा, “सब कुछ खत्म हो गया है।”
नेपाल की राजधानी में रहने वाले उसके दो संबंधियों की भूकंप में मौत हो गई, लेकिन एक शादी समारोह में शामिल होने काठमांडू गया उनका पोता एक दिन बाद सुरक्षित और सही सलामत घर पहुंच गया।
बुजुर्ग अग्रसेन ने कहा कि उनका पोता भगवान और भारतीय सेना के कारण सुरक्षित घर लौट पाया। उन्होंने भारतीय सेना और राष्ट्रीय आपदा कार्रवाई बल (एनडीआरएफ) के दलों द्वारा किए जा रहे राहत एवं बचाव कार्यो की सराहना की। 25 अप्रैल को नेपाल में आए 7.9 तीव्रता वाले भूकंप के बाद से ही भारतीय सेना और एनडीआरएफ नेपाल में राहत एवं बचाव कार्य में लगे हुए हैं।
राजा बाबू के नाम से पहचाने जाने वाले राजेंद्र बहादुर शाह भी भारतीय राहत कार्यो की सराहना करते नहीं थकते। राजेंद्र कृष्णानगर में एक पेट्रोल पंप के मालिक हैं।
उन्होंने कहा, “इसमें छिपाने की कोई बात नहीं है। भूकंप और उसके बाद के झटकों में हमारा सरकारी तंत्र पूरी तरह से ध्वस्त हो गया। सच तो यह है कि यदि भारत सरकार नहीं होती, तो यहां सब सबकुछ समाप्त हो गया होता।”
एक अन्य पेट्रोल पंप के मालिक सोमनाथ थापा ने उत्तर प्रदेश सरकार के प्रयासों की सराहना की।
उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव (सूचना) नवनीत सहगल ने आईएएनएस से कहा कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव राहत कार्यो का नेतृत्व कर रहे हैं।
राज्य ने नेपाल भेजी गई राहत सामग्री में चावल, दाल, गेहूं का आटा, कंबल, बिस्किट, क्लोरीन की गोलियां, टेंट, प्लास्टिक की चादर, ब्लीचिंग पाउडर, सैनिटरी नैपकिन, तौलिए, नमकीन, सूखे खाद्य पदार्थो के पैकेट, मिनरल वाटर, चीनी, ग्लूकोज और मिल्क पाउडर भेजे हैं।